चाय की दुकान पर ग्लास धोए, ढाबे में बर्तन साफ किये, ऐसे गुजरा था ओम पुरी का बचपन

साल 2017 में ओम पुरी का निधन हो गया था, उनका जन्म आज के ही दिन यानी 18 अक्टूबर 1950 को हरियाणा के अंबाला में हुआ था।

New Delhi, Oct 18 : फिल्मी दुनिया में कदम रखने से पहले हमारे मन में सबसे पहले ख्याल लुक्स का आता है, यानी एक्टिंग के साथ-साथ हम दिखने में थोड़े स्मार्ट और डेशिंग भी हों, लेकिन दिवंगत एक्टर ओम पुरी ने ऐसी सोच रखने वाले कईयों के लिये उदाहरण पेश किया है, ओम पुरी दिखने में साधारण थे, लेकिन उन्होने एक्टिंग की दुनिया में नाम कमाया, ना सिर्फ बॉलीवुड में बल्कि दुनियाभर के लोग उन्हें एक दिग्गज एक्टर के रुप में देखते थे, आज बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर ओम पुरी भले ही हमारे बीच ना हों, लेकिन उनकी एक्टिंग हमेशा फैंस के बीच जिंदा रहेगी।

Advertisement

2017 में निधन
साल 2017 में ओम पुरी का निधन हो गया था, उनका जन्म आज के ही दिन यानी 18 अक्टूबर 1950 को हरियाणा के अंबाला में हुआ था, कई इंटरव्यू में उन्होने अपनी बचपन की कहानियां लोगों के बीच रखी, उन्होने खुद बताया कि उन्होने बचपन मुश्किलों से काटा है। उन्होने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब वो 6 साल के थे, तो एक चाय की दुकान में ग्लास धोनी का काम किया करते थे, इतना  नहीं वह ढाबे पर बर्तन धोने का भी काम कर चुके थे, लेकिन एक दिन उन्हें ढाबे से निकाल दिया गया था।

Advertisement

ढाबे से निकाल दिया
दरअसल ओम पुरी दिनभर काम करते-करते थक जाया करते थे, रात 10 बजते-बजते उन्हें नींद आने लगती थी, ऐसे में ओम पुरी जूठे बर्तनों को राख में छुपाकर सुबह के लिये छोड़ दिया करते थे और खुद खाना खाकर सो जाया करते थे, एक बार ऐसा करते हुए उन्हें ढाबे के मालिक ने पकड़ लिया, फिर ढाबे के नाम से निकाल दिया।

Advertisement

फिल्मों का शौक
ओम पुरी को बचपन से ही फिल्मों का शौक था, इसके बाद उन्होने बड़े होते ही नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला लिया, फिर दुनियाभर में अपनी बेहतरीन एक्टिंग के कारण छा गये, उन्होने स्पर्श, आक्रोश, कलयुग, गांधी, जाने भी दो यारो, आरोहन, मिर्च मसाला जैसी कई फिल्मों में काम किया।