तेजस नहीं बल्कि ये है देश का पहला फाइटर जेट, पाकिस्तान के छुड़ा दिये थे पसीने!

देश के लिये वाकई बहुत अहम उपलब्धि के रुप में डेवलप हुआ मारुत अपने डिजाइन में बेहद सक्षम और कारगर था।

New Delhi, Oct 25 : रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत को लेकर सुर्खियां भले ही अब हों, लेकिन करीब 60 साल पहले ही ना सिर्फ भारत ने इस पहलू का समझा था, बल्कि इस दिशा में पुख्ता कदम उठाये थे, जी हां, प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु के जर्मनी के विशेषज्ञों की मदद से भारत का पहला देसी लड़ाकू विमान बनवाया था, जिसकी पूरी रिसर्च और निर्माण के लिये डेवलपमेंट भारत में ही हुआ था, लोगों के बीच गलतफहमी ये भी रही कि भारत का पहला देसी लड़ाकू विमान तेजस रहा, हालांकि ऐसा नहीं है।

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पहला देसी फाइटर प्लेन
जर्मन इंजीनियर कुर्त टैंक से डिजाइन करवाये गये फाइटर जेट एचएफ-24 मारुत के बारे में शायद आपने पहले कहीं सुना हो, बेशक यही भारत का पहला देसी फाइटर था, और उस समय हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट लिमिटेड के लिये बहुत बड़ी उपलब्धि भी, 1 अप्रैल 1968 को भारतीय वायु सेना को मिले मारुत के बहाने भारत के देसी फाइटर जेट डेवलपमेंट की कहानी बेहद दिलचस्प है।

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क्या थीं मारुत की खूबियां
देश के लिये वाकई बहुत अहम उपलब्धि के रुप में डेवलप हुआ मारुत अपने डिजाइन में बेहद सक्षम और कारगर था, पेंसिल जैसा स्लिम, आकर्षक, स्वेप्ट विंग और टेल का फ्यूजलेज के साथ जुड़ा होना इसे खास बनाता था, हवा से जमीन पर मार कर सकने वाला ये फाइटर जेट सेल्फ डिफेंस के लिहाज से भी बेहद कारगर था, अब मारुत की लड़ाईयों के बारे में भी जानिये।

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पाक के दो लड़ाकों को ध्वस्त किया
वैसे तो युद्ध में मारुत ने बहुत ज्यादा हिस्सा नहीं लिया, लेकिन इस मायने से इसका प्रदर्शन लाजवाब रहा, एक भी मारुत जेट को कभी भी दुश्मन मारकर गिरा नहीं सका, ये भी कि मारुत ने पड़ोसी मुल्क पाक के काफी एडवांस्ड लड़ाकों पर हमला भी किया था, दिसंबर 6 मिशन के तहत मारुत ने पाक के दो लड़ाकों को ध्वस्त कर दिया था, ये मारुत की पहली बड़ी जीत थी।