चिराग पासवान के ‘असंभव नीतीश’ के पीछे कौन?, राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरु

चिराग पासवान ने एक के बाद एक ट्वीट किये, कई सवाल पूछे और बिहार की जनता को संदेश भी दिये, लोजपा अध्यक्ष ने दावा किया, कि पिछले पांच साल में बिहार में अफसरों का राज रहा है।

New Delhi, Oct 26 : जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव के लिये पहले चरण के मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे चिराग पासवान की तल्खी सीएम नीतीश कुमार के प्रति बढती जा रही है। चिराग ने सीएम नीतीश पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश सभी बातों को 15 साल का बताते हैं, जबकि हकीकत ये है कि पिछले पांच साल में भी कोई उपलब्धि नहीं है, उनके मंत्री तथा विधायक पिछले पांच साल का हिसाब दें, चिराग ने कहा कि नीतीश और बिहार को बेबसी से निकालने के लिये कड़े फैसले लेने होंगे, इसके साथ ही चिराग ने नये हैशटैग असंभव नीतीश की शुरुआत की है, इसका मतलब है कि इस बार सत्ता में आना नीतीश कुमार के लिये संभव नहीं है।

Advertisement

कई सवाल पूछे
चिराग पासवान ने एक के बाद एक ट्वीट किये, कई सवाल पूछे और बिहार की जनता को संदेश भी दिये, लोजपा अध्यक्ष ने दावा किया, chirag paswan कि पिछले पांच साल में बिहार में अफसरों का राज रहा है, 7 निश्चय में कोई भी निश्चय पूरा नहीं हुआ, उन्होने कहा कि नीतीश कुमार और उनके विधायक तथा मंत्री पिछले पांच साल में हुए कार्यों का ब्योरा दें, इसके बाद आगे लिखा कि आप सभी के स्नेह, आशीर्वाद तथा साथ में बिहार में जदयू से ज्यादा सीटें लोजपा जीतेगी, बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट के संकल्प के साथ नया बिहार और युवा बिहार बनाएगी।

Advertisement

क्यों बदल गये चिराग
सवाल ये उठ रहा है कि आखिर जो चिराग चंद महीने पहले तक सीएम नीतीश के गुण गाते थे, बीते लोकसभा चुनाव में खुद की जमुई सीट पर प्रचार भी करवाया था, अचानक वो कैसे बदल गये, राजनीतिक गलियारों में जो चर्चा है, उसके मुताबिक जदयू, बीजेपी और लोजपा के नेता पीके की भूमिका से कोई इंकार नहीं कर रहे हैं। राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि चिराग पासवान कभी नीतीश कुमार की आंख के तारे रहे प्रशांत किशोर की सलाह पर काम कर रहे हैं, दरअसल पीके का जदयू से नाता खत्म हो चुका है, वह आधिकारिक तौर पर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को भी राजनीतिक सलाह दे रहे हैं।

Advertisement

मांझी ने बिगाड़ा खेल
सूत्र तथा मीडिया रिपोर्ट्स बताते हैं कि पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी की जोड़ने की पहल से ही चिराग के कान खड़े हो गये थे, Nitish Manjhi इसके बाद पीके की सलाह पर उन्होने लोजपा की 143 सीटों पर चुनाव में उतरने का फैसला लिया, इसमें संदेश दिया कि उनकी पार्टी बिहार में एनडीए से बाहर हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए के साथ हैं। चिराग की इस पहल के पीछे अंदरखाने में नीतीश के नेतृत्व वाली जदयू की जड़ कमजोर करना तथा लोजपा को मजबूत करना है, साथ ही अगर संभावना बने तो बीजेपी के साथ लोजपा की सरकार बनवाना भी है, राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि जाहिर तौर पर ये बीजेपी के लिये असमंजस की स्थिति है।