नीतीश पर पीके का प्रहार, बीजेपी मनोनीत थके और महत्वहीन सीएम के लिये तैयार रहे बिहार!

नीतीश कुमार ने 7वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है, वो राज्य के सीएम पद पर सबसे ज्यादा समय तक रहने वाले डॉ. श्रीकृष्ण सिंह के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ने की ओर बढ रहे हैं।

New Delhi, Nov 17 : चुनावी रणनीतिकार और पूर्व जदयू नेता प्रशांत किशोर ने सोमवार को बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें बीजेपी ने इस पद पर मनोनीत किया है, उन्होने कहा कि बिहार को कुछ और सालों तक एक थके हुए और राजनीतिक रुप से महत्वहीन हो गये नेता के प्रभावहीन शासन के लिये तैयार रहना चाहिये, आपको बता दें कि कभी नीतीश के करीबी सहयोगी रहे पीके को जदयू उपाध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन उनके स्वतंत्र तथा अकसर विरोधाभासी विचारों की वजह से दोनों के रिश्ते में खटास आ गयी, जिसके बाद उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

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पीके ने किया ट्वीट
प्रशांत किशोर ने ट्विटर पर लिखा है, बीजेपी मनोनीत मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के लिये नीतीश कुमार को बधाई, मुख्यमंत्री के रुप में एक थके और राजनीतिक रुप से महत्वहीन हुए नेता के साथ बिहार को कुछ और सालों के लिये प्रभावहीन शासन के लिये तैयार रहना चाहिये, ट्विटर पर बहुत सक्रिय रहने वाले वाले पीके ने पिछले चार महीने में पहला ट्वीट किया है।

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7वीं बार मुख्यमंत्री
मालूम हो कि नीतीश कुमार ने 7वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है, वो राज्य के सीएम पद पर सबसे ज्यादा समय तक रहने वाले डॉ. श्रीकृष्ण सिंह के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ने की ओर बढ रहे हैं, जिन्होने आजादी से पहले से लेकर 1961 में अपने निधन तक इस पद पर अपनी सेवाएं दी थी, नीतीश ने सबसे पहले साल 2000 में सीएम पद की शपथ ली थी, हालांकि बहुमत नहीं जुटा पाने के कारण उनकी सरकार सप्ताह भर भी नहीं चली, उन्हें केन्द्र में वाजपेयी सरकार में मंत्री के रुप में वापसी करनी पड़ी थी।

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सत्ता में लौटे
5 साल बाद अक्टूबर 2005 में जदयू-बीजेपी गठबंधन ने शानदार जीत के साथ सत्ता में वापसी की, 2010 में गठबंधन के भारी जीत दर्ज करने के बाद मुख्यमंत्री का सेहरा एक बार फिर नीतीश के सिर पर बांधा गया, Nitish इसके बाद मई 2014 में लोकसभा चुनाव में मिली जदयू को हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन मांझी के बगावती तेवरों के बाद फिर फरवरी 2015 में सीएम पद पर लौटे, इसके बाद 2015 में लालू के साथ महागठबंधन की जीत के बाद भी सीएम बने थे।