राजनीति में इस बलिदान को लिखने के लिये स्याही कम पड़ जाएगी, शिवसेना के बयान से बवाल!

चुनाव परिणाम के बाद शिवसेना ने बीजेपी के सामने ढाई साल के लिये सीएम पद की मांग की थी, बीजेपी के नहीं मानने पर शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली।

New Delhi, Nov 18 : बिहार में बीजेपी की ज्यादा सीटें आने के बाद भी तीसरे नंबर की पार्टी जदयू के नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने पर शिवसेना ने तंज कसा है, अपने मुखपत्र सामना में शिवसेना ने लिखा है, बीजेपी को बिहार में बलिदान करना पड़ा, तीसरे नंबर की पार्टी जदयू को सीएम पद देना पड़ा, जबकि महाराष्ट्र चुनाव के बाद शिवसेना के साथ ऐसा करने से इंकार कर दिया था, शिवसेना ने कहा कि बीजेपी के इस बलिदान को लिखने के लिये स्याही कम पड़ जाएगी।

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एनडीए गठबंधन को बहुमत
बिहार चुनाव में इस बार राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन बहुमत एनडीए गठबंधन को मिला है, बीजेपी ने 74 तथा जदयू ने 43 सीटों पर जीत हासिल की है, modi nitish लालू की पार्टी को 75 सीटें मिली है, पिछले साल हुए महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी ने 105 सीटें जीती थी और सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, शिवसेना के साथ बीजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था, उद्धव ठाकरे की पार्टी 56 सीटें ही जीत पाई थी।

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सीएम पद को लेकर तकरार
चुनाव परिणाम के बाद शिवसेना ने बीजेपी के सामने ढाई साल के लिये सीएम पद की मांग की थी, बीजेपी के नहीं मानने पर शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली,  उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बन गये, इसके साथ ही बीजेपी-शिवसेना का पुराना गठबंधन भी टूट गया।

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स्याही कम हो जाएगी
शिवसेना ने अपने मुखपत्र के संपादकीय में तंज कसा है, बीजेपी के इस बलिदान को लिखने के लिये स्याही कम हो जाएगी, इसमें कहा गया है कि बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटिल तथा गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी को लगता है कि राज्य का शासन एनसीपी नेता शरद पवार के हाथों में हैं, शिवसेना ने कहा कि इन लोगों को नजर रखनी चाहिये, कि बिहार में सरकार कौन चलाएगा, महाराष्ट्र चुनाव के बाद सरकार बनाने के लिये कई दिनों तक ड्रामा चलता रहा था, बीजेपी ने एक बार सरकार बनाने की कोशिश भी की थी, लेकिन बाद में फ़डण्वीस को इस्तीफा देना पड़ा, क्योंकि उनके पास पर्याप्त नंबर नहीं थे।