सिर्फ धोनी-विराट को नहीं मिलना चाहिये सफलता का श्रेय, गंभीर के बयान से नई चर्चा शुरु!
गंभीर ने कहा था कि सारा क्रेडिट कप्तान को क्यों मिलना चाहिये, पहले सौरव गांगुली को सारा क्रेडिट मिलता था, उसके बाद धोनी और अब विराट कोहली को।
New Delhi, Nov 19 : टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर अपनी बल्लेबाजी की तरह ही अपनी बेबाक राय के लिये भी सुर्खियों में रहते हैं, गौती ने हमेशा कहा कि कप्तान जीत का नायक नहीं बल्कि पूरी टीम होती है, 11 खिलाड़ी मिलकर ही कप्तान को बेहतर बनाते हैं, वो कभी नहीं मानते कि टीम की जीत का श्रेय सिर्फ धोनी और कोहली को ही दिया जाए, गौतम गंभीर का इंटरव्यू सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होने टीम इंडिया की कप्तानी को लेकर खुलकर बात की थी।
हर खिलाड़ी महत्वपूर्ण
गौतम गंभीर ने 2 साल पहले एक निजी न्यूज चैनल को दिये इंटरव्यू में कहा था कि धोनी के साथ मेरे रिश्ते अच्छे रहे हैं, लेकिन ये मेरे अपने विचार हैं, मैं बचपन से ही मानता हूं कि टीम स्पोर्ट्स में 15 के 15 खिलाड़ी उतने ही महत्वपूर्ण हैं, जितना एक कप्तान है। कप्तान के निर्णय को सफलता तक उसके खिलाड़ी पहुंचाते हैं, कप्तान के फैसले को अमल में लाने के लिये वैसे गेंदबाज और बल्लेबाज होने चाहिये, कप्तान का फैसला तभी सही साबित होगा, जब उसके पास बेहतर खिलाड़ी होंगे, मैं हमेशा ये कहता हूं कि आप सारा क्रेडिट विराट कोहली को नहीं देंगे, टीम में रोहित, रहाणे, जडेजा और जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ी हैं।
सारा श्रेय कप्तान को क्यों
गंभीर ने कहा था कि सारा क्रेडिट कप्तान को क्यों मिलना चाहिये, पहले सौरव गांगुली को सारा क्रेडिट मिलता था, उसके बाद धोनी और अब विराट कोहली को, आप किसी को उस लेवल पर लेकर चले जाते हैं कि दूसरे खिलाड़ियों को लगता है कि उसके बारे मं कोई बात ही नहीं करता है, इसके बाद टीम में खटास होने लगता है, गौती टीम इंडिया के लिये 58 टेस्ट, 147 वनडे और 37 टी-20 मैच खेले हैं। उन्होने 154 आईपीएल मुकाबलों में भी हिस्सा लिया था।
नियमित कप्तानी नहीं मिली
धोनी के कप्तानी के समय गौतम गंभीर लंबे समय तक टीम इंडिया के उपकप्तान रहे, कई मैचों में कप्तानी भी की, लेकिन धोनी के बाद उन्हें नियमित कप्तान नहीं बनाया गया, टीम इंडिया की कप्तानी पर गौती ने कहा कि कौन खिलाड़ी भारतीय टीम की कप्तानी के लिये तैयार नहीं है, किसी ने इसके लिये मना नहीं किया होगा, लोगों ने सफलता नहीं मिलने के बाद कप्तानी छोड़ी है, भारत की कप्तानी किसी भी खेल में करना गर्व की बात है, हर खिलाड़ी इसके लिये तैयार रहता है।