इस दिन लगेगा इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, जानें किस राशि के लिए है अशुभ

देखते ही देखते पूरा साल निकलने को है, 30 नवंबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। इसे लेकर क्‍या है भवियवाणी आगे पढ़ें ।

New Delhi, Nov 24: आने वाली 30 नवंबर को इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है । ज्‍योतिष जानकारों के अनुसार कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को पड़ने वाला यह ग्रहण रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि में लगने वाला है । चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, लेकिन इसका असर मानव जीवन पर भी होता है । चंद्र ग्रहण, सभी राशि के जातकों को अलग-अलग रूप से प्रभावित करता है । सूर्य ग्रहण की तुलना में ये ग्रहण व्‍याक्ति के मन पर प्रभाव डालता है, क्‍योंकि चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है।

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उपच्‍छाया ग्रहण
ज्योतिष जानकारों के अनुसार 30 नवंबर को पड़ने वाला चन्द्रग्रहण एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है । यानी इसका कोई सूतक काल नहीं होगा । धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिस ग्रहण का सूतक काल नहीं होता, वह ज्यादा प्रभावशाली नहीं होता। इस बार ग्रहण का समय भरतीय समयानुसार दोपहर 01 बजकर 04 मिनट पर एक छाया से पहला स्पर्श। दोपहर 03 बजकर 13 मिनट पर परमग्रास चंद्रग्रहण होगा। शाम 05 बजकर 22 मिनट पर उपच्छाया से अंतिम स्पर्श होगा।

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ग्रहण के प्रभाव से कैसे बचें?
चंद्रग्रहण के समय भगवान की पूजा करनी चाहिए । ओम् श्रीकृष्णाय नमः का जाप श्रेष्ठ माना गया है । इस काल में भोजन नहीं करना चाहिए । आपको बता दें चंद्रमा जब धरती की वास्तविक छाया पर ना जाकर उसकी उपच्छाया से ही लौट जाती है, तो इसे उपच्छाया चंद्रग्रहण कहा जाता है। ऐसी स्थिति में चांद पर एक धुंधली सी परत बनी नजर आती है । यह चंद्रग्रहण भारत, अमेरिका, प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया और एशिया में चंद्रग्रहण को देखा जा सकता है।

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इस राशि के लिए अशुभ
इस बार ये ग्रहण ज्यादा प्रभावशाली नहीं है। यह गृण वृष राशि में पड़ने वाला है, इसलिए इसका प्रभाव वृष राशि के जातकों पर ज्‍यादा देखने को मिलेगा। इन्‍हें खास सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है । वृषभ राशि के जातकों को माता के स्‍वास्‍थ्‍य का ध्‍यान रखना होगा । साथ ही साथ स्वयं को मानसिक तनाव से दूर रखना होगा । ध्‍यान रहे, गर्भवती स्त्रियां ग्रहण के दौरान बाहर न निकलें। इसके साथ ही, ग्रहण से पूर्व सभी भोजन में तुलसी का पत्ता जरूर डाल दें या फिर पहले ही भोजन कर लें । ग्रहण काल के बाद स्नान करके ही कोई शुभ कार्य करें।