10वीं पास महिला ने अपने खेत में ही बना डाला बेहद खूबसूरत आईलैंड, गूगल से आया सम्मान पत्र
उत्तर प्रदेश के कन्नौज में एक महिला ने वो कर दिखाया जो सोच से परे हैं । खेत में जलभराव की समस्या को खूबसूरत अवसर में बदल दिया ।
New Delhi, Nov 26: उत्तर प्रदेश के कन्नौज में एक महिला ने जो कि महज 10वीं पास हैं, एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिसकी दूर विदेशों तक चर्चा हो रही है । इस ग्रामीण महिला ने खेत में जलभराव की समस्या को ही अपना हथियार बना डाला । उनके बनाए आईलैंड को देखने के लिए अब लोग दूर- दूर से आ रहे हैं । क्षेत्र में ये हर किसी के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है । महिला के इस कदम को देखते हुए गूगल की ओर से उन्हें सम्मान पत्र भी दिया गया है ।
खेतों में जलभराव की थी समस्या
मामला कन्नौज के तिर्वा तहसील क्षेत्र के बथुइंया गांव का है, जहां की निवासी किरण कुमारी राजपूत ने ये विचार निकाला और उसे यथार्थ में तब्दील किया । किरण के पास उमर्दा ब्लॉक के ग्राम गुन्दहा में 23 बीघा जमीन है । जिसमें ज्यादातर खेतों में पानी भरा रहता था । यहां, खेती किसी चुनौती से कम नहीं थी । फिर उन्होंने सोचा कि क्यों न खेत में पानी भरे हिस्से का इस्तेमाल कुछ और तरीके से किया जाए, इसे तालाब में ही बदल दिया जाये ।
2016 में आया विचार
किरण कुमारी राजपूत ने अपने खेत में जल भराव की समस्या देखते हुए इसे ही कमाई का अवसर बना दिया, साल 2016 में जल प्लावन योजना के तहत प्रशासन से दो लाख रुपये लेकर – उसमें कुछ जमा पूंजी और रिश्तेदारों से उधार लेकर मछली पालन शुरू किया । 23 बीघा जमीन को तालाब बनाने में करीब 11 लाख रुपये का खर्च आया । जब मुनाफा हुआ तो बेटे शैलेंद्र की मदद से इस व्यापार को बड़ा रूप दिया ।
आईलैंड पर उगाए फल
किरण कुमारी ने तालाब के बीच में एक बीघा का आईलैंड बनाया है, जिसमें आम, अमरूद, केला, करौंदा, पपीता, सहजन के पेड़ और फूलों के पौधे लगाकर एक बगीचा भी बना दिया । पानी के बीच बना ये आईलैंड लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना और धीरे-धीरे यहां घूमने के लिए लोगों का आना जाना शुरू हो गया, आईलैंड में घूमने के साथ लोग वोटिंग भी करते हैं । किरण की सेहत अब अच्छी नहीं रहती, उनकी जगह अब इस आईलैंड की देखभाल उनका बेटा शैलेन्द्र करता है ।
गूगल से मिला सम्मान
तालाब में विभिन्न प्रकार की मछलियां हैं, जिनमें कत्तल, नैन, चाइना फिश, सीलन, ग्रास कटर और सिल्वर मुख्य हैं । किरण के बेटे के मुताबिक मछली पालन और फल बेचकर वो हर साल करीब 20 से 25 लाख की कमाई कर लेते हैं । शैलेन्द्र के मुताबिक एक साल पहले गूगल की तरफ से उनकी मां के लिण् पत्र आया था, जिसमें उनके काम की खूब प्रशंसा की गई थी । साथ ही, तालाब के बीच में बने आईलैंड में फलों के बाग के सुंदर नजारे की भी तारीफ की गई थी । गूगल ने किरण को एक सम्मान पत्र देकर सम्मानित भी किया था ।