बिहार में शराबबंदी, चुनाव के दौरान टूटा रिकॉर्ड, करोड़ नहीं इतने अरब रुपये की शराब जब्त!
उत्पाद विभाग तथा पुलिस से शराब बरामदगी से जुड़े आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि सिर्फ राजधानी पटना में 6763 लीटर विदेशी, 13032 लीटर देसी दारु पकड़ी गई थी।
New Delhi, Nov 28 : बिहार में शराबबंदी है, फिर भी चुनाव के दौरान सवा अरब रुपये की दारु जब्त की गई, धरी गई शराब की कुल कीमत 1 अरब 25 करोड़ 43 हजार रुपये आंकी गई है, जबकि मामले में 4148 गिरफ्तारियां हुई, खास बात ये है कि सिर्फ डेढ महीने में 38 जिलों में 3.91 लाख लीटर विदेशी शराब बरामद की गई है।
बम की तरह शराब
चुनाव के समय बिहार-यूपी बॉर्डर के पास सीवान में दो तस्करों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें दोनों ने शरीर पर शराब की बोतलों को किसी बेल्ट के तौर पर फिट करके छुपाया था, दारु को ठीक वैसे ही कपड़ों के नीचे छुपाया गया था, जैसे शरीर पर बम लगाने के लिये लोग उसे छुपा लेते हैं, इतना ही नहीं वाहनों के इंजन, ट्रक में तहखाना बनाकर, टैंकर के तेल के ड्रम में शराब की तस्करी से जुड़े मामलों का भंडाफोड़ हो चुका है।
शराब बरामद
मीडिया रिपोर्ट्स में उत्पाद विभाग तथा पुलिस से शराब बरामदगी से जुड़े आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि सिर्फ राजधानी पटना में 6763 लीटर विदेशी, 13032 लीटर देसी दारु पकड़ी गई थी, वहीं 130 तस्करों को दबोचा गया था, जिन जिलों में विदेशी शराब सबसे ज्यादा मिली, उनमें वैशाली, मुजफ्फरपुर, नवादा, पूर्वी चंपारण और भोजपुर (क्रम के हिसाब से) शामिल हैं, वहीं जहां सबसे कम विदेशी शराब पकड़ी गई, उनमें खगड़िया, लखीसरायस अरवल, शेखपुरा और नालंदा जिला है।
शराब तस्कर
सबसे ज्यादा शराब तस्कर बक्सर (562) में गिरफ्तार किये गये, दूसरे स्थान पर मधुबनी तथा तीसरे स्थान पर पूर्वी चंपारण, चौथे पर भोजपुरी, पांचवें पर दरभंगा में धंधेबाजों की धरपकड़ की गई, जबकि इस बाबत सबसे कम गिरफ्तारियां खग़ड़िया, शेखपुरा, गोपालगंज और कैमूर में हुई, शराबबंदी के बावजूद बड़े स्तर पर तस्करी के खेल के खुलासे पर विभिन्न सियासी दलों ने शराबबंदी कानून की समीक्षा का मुद्दा उठाया। बिहार में शराबबंदी के फैसले के बाद नीतीश सरकार को महिलाओं का खूब समर्थन मिला था, हालांकि हालिया चुनावी समर में खुद बिहार के लोगों ने कबूला कि सूबे में शराब पर प्रतिबंध के बाद भी शराब का सेवन और बिक्री बढ गई है।