इंदिरा ने भारत में ही खोजी थी बहू, लेकिन राजीव गांधी को हो गया था सोनिया से प्यार, लव स्टोरी!
इंदिरा गांधी अपनी बात बेटे राजीव को बताती या उनसे ऋतु का जिक्र करती, उससे पहले ही राजीव ने अपनी मां को दिल की बात बता दी, पहले तो सभी की तरह इंदिरा भी इस बेमेल रिश्ते की बात सुनकर हैरान रह गई थी।
New Delhi, Dec 09 : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी आज 73 साल की हो गई है, 1946 में इटली में पैदा हुई सोनिया गांधी के जीवन की कथा किसी परीकथा से कम नहीं है, उन्होने शायद ख्वाब में भी नहीं सोचा होगा, कि उनका प्यार उन्हें भारत के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार की बहू बना देगा, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से उनकी पहली मुलाकात ग्रीक रेस्टोरेंट वार्सिटी में हुई थी, पहली बार दोनों खाने के मेज पर मिले थे, सोनिया पढाई करने के लिये कैंब्रिज पहुंची थी, लेकिन इस पढाई के दौरान उन्हें जीवन ने प्रेम का भी पाठ पढा दिया, राजीव-सोनिया के प्रेम से बेखबर इंदिरा गांधी ने अपने लिये बहू ढूंढ ली थी, वो चर्चित एक्टर राज कपूर की बेटी ऋतु को अपनी बहू बनाना चाहती थी।
किताब में जिक्र
रशीद किदवई की किताब नेता-अभिनेता में लिखा है, कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु और पृथ्वी राज कपूर के बीच काफी गहरी दोस्ती थी, इंदिरा इस दोस्ती को रिश्तेदारी में बदलना चाहती थी, इसी कारण उनके मन में राज कपूर की बेटी ऋतु को अपने घऱ की बहू बनाने की इच्छा जागी थी, ऋतु कपूर भी एक सुंदर, पढी लिखी महिला थी।
इंदिरा ने किया बेटे की भावनाओं का सम्मान
हालांकि इंदिरा गांधी अपनी बात बेटे राजीव को बताती या उनसे ऋतु का जिक्र करती, उससे पहले ही राजीव ने अपनी मां को दिल की बात बता दी, पहले तो सभी की तरह इंदिरा भी इस बेमेल रिश्ते की बात सुनकर हैरान रह गई थी, लेकिन फिर उन्होने हर मां की तरह अपने बेटे की भावनाओं का सम्मान किया,तथा सोनिया से मिलने की इच्छा जाहिर की, जिसके बाद राजीव ने दोनों की मुलाकात तय की।
नर्वस थी सोनिया गांधी
बताया जाता है कि इंदिरा गांधी से पहली मुलाकात के समय सोनिया काफी नर्वस थी, लेकिन इंदिरा ने उन्हें देखकर बड़े ही प्यार के साथ उनसे कहा था कि डरो नहीं, मैंने भी प्यार किया है, इसलिये इस समय तुम्हारे दिमाग में क्या चल रहा है, उसके बारे में समझ सकती हूं।
प्रेम त्याग और समर्पण की मिसाल
इसके बाद उन्होने सोनिया गांधी से कुछ देर बात की, फिर भारत लौटते समय उन्होने राजीव की पसंद पर मुहर लगा दी, जिसके बाद साल 1968 में राजीव और सोनिया सात जन्मों के लिये बंधन में बंध गये, इस शादी के बारे में काफी कुछ लिखा गया, लेकिन इसमें किसी को कोई शक नहीं कि दोनों का रिश्ता प्रेम, त्याग और समर्पण की मिसाल है।