पति की मौत के बाद लिया सेना में जाने का संकल्प, 1 बच्चे की देखभाल करते हुए बनीं फ्लाइंग अफ़सर

जम्मू की रहने वाली राधा चरक आज उन लड़कियों-महिलाओं के लिए मिसाल बन गई हैं जो कि सेना में जाने के सपने संजोती हैं । लेकिन राधा का संघर्ष जानकर आप भी उन्‍हें सलाम करेंगे ।

New Delhi, Dec 30: जम्‍मू की रहने वालीं राधा चरक आज सुर्खियों में हैं, तमाम मुश्किलों के बावजूद वो फ्लाइंग अफ़सर बन गई हैं । 28 साल की राधा की शादी जम्मू के ही बूटा सिंह मन्हास से हुई थी, बूटा सिंह एयरफोर्स में नॉन कमीशंड अफ़सर सीपीएल थे । लेकिन, शादी के कुछ साल बाद ही उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई, राधा की गोद में तब एक बेटा भी था । राधा ने इससे पहले एलएलबी की थी, वो हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करती थीं । लेकिन पति की मौत ने उनके सपनों को नया रंग दे दिया ।

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पति की वर्दी पहनने का देखा सपना
पति की मृत्‍यु के बाद राधा ने तय किया कि जिस ब्लू यूनिफॉर्म को उनके पति छोड़ गए हैं, उन्‍हें वही पहननी है । राधा ने एयरफोर्स कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के लिए अप्लाई किया, इसके बाद आगे की तैयारी के लिए दिल्ली चली गईं । पहली बार में उन्‍हें स्क्रिनिंग से बाहर कर दिया गया । लेकिन वो हारी नहीं, साल 2018 में उन्‍होंने फिर से टेस्ट दिया । इस बार उन्हें सफलता मिली । राधा दिन में कोर्ट में प्रैक्टिस करती और रात भर पढ़ाई करतीं ।

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2019 में हुआ सेलेक्‍शन
इसके बाद साल 2019 में उनका एसएसबी में सेलेक्‍शन हो गया और 2020 में वो ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद एयरफोर्स एकेडमी पहुंच गईं । इसी 18 दिसंबर को उनकी ट्रेनिंग पूरी हुई है, राधा अब फ्लाइंग अफ़सर बन गई हैं । राधा अब उसी नीली वर्दी में गर्व से फूली नहीं समा रहीं, जिसमें कभी वो अपने पति को देखा करती थीं ।

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सास से किया था वादा
राधा चरक ने अपनी पढ़ाई तो की ही साथ ही अपने बेटे की भी देखभाल की । राधा ने अपनी सासू मां से वादा किया था कि आपका बेटा बूटा सिंह जल्‍द यूनिफॉर्म में वापस आएगा । राधा ने एक मां के लिए वो कर दिखाया । राधा के माता-पिता बिमला चरक और पिता सूबेदार तरसेम सिंह चरक भी अपनी बेटी की सफलता से बेहद खुश हैं । उनका पूरा गांव बेटी की इस सफल्‍ता का जश्‍न मना रहा है ।