Ind Vs Aus- 50 दिन में बदल गई नटराजन की किस्मत, मजदूर के बेटे को बड़ा मौका!

नटराजन की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है, इस क्रिकेटर को आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन के बाद बतौर टी-20 स्पेशलिस्ट टीम में शामिल किया गया था।

New Delhi, Jan 15 : चर्चित कवि दुष्यंत कुमार की गजल की दो लाइनें है, कौन कहता है कि आसमां में सुराग नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो, दुष्यंत की इन पंक्तियों को सही साबित कर दिखाया है बायें हाथ के तेज गेंदबाज टी नटराजन ने, जो आज से 50 दिन पहले तक आईपीएल खेल रहे थे, अब टीम इंडिया के तीनों प्रारुप में डेब्यू कर चुके हैं, हर खिलाड़ी का सपना अपने देश के लिये टेस्ट क्रिकेट खेलना होता है, शुक्रवार को नटराजन का यही सपना पूरा हो गया, गाबा में चौथे टेस्ट में उन्हें टेस्ट कैप मिला, गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने उन्हें टेस्ट कैप सौंपी, इस तरह वो टीम इंडिया के 300वें टेस्ट क्रिकेटर बन गये।

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प्रेरणादायक है कहानी
नटराजन की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है, इस क्रिकेटर को आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन के बाद बतौर टी-20 स्पेशलिस्ट टीम में शामिल किया गया था, natrajan टी-20 सीरीज में भी उनका खेलना तय नहीं था, क्योंकि भारत के पास और भी अच्छे तेज गेंदबाज थे, लेकिन खिलाड़ियों की चोटों ने सबसे पहले नटराजन को वनडे डेब्यू का मौका मिला, नटराजन ने 2 दिसंबर 2020 को कैनबरा में डेब्यू किया, वहां दो विकेट लेकर अपनी छाप छोड़ी, फिर उन्हें टी-20 सीरीज के तीनों मैच में मौका मिला, नटराजन ने अपनी प्रतिभा भी वहां दिखाया, वो सीरीज के सबसे अच्छे गेंदबाज साबित हुए। बायें हाथ के इस गेंदबाज ने 6 विकेट अपने नाम किये, इस दौरान उनका इकॉनमी रेट सिर्फ 6.91 रहा।

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नेट गेंदबाज से टेस्ट क्रिकेटर
वनडे, टी-20 में डेब्यू के बाद नटराजन को बतौर नेट गेंदबाज टेस्ट टीम के साथ रखा गया, वो रोजाना भारतीय बल्लेबाजों को प्रैक्टिस कराते, इस दौरान एक विवाद भी हुआ, विराट एडिलेड टेस्ट के बाद पैटरनिटी लीव पर भारत लौट गये, नटराजन भी हाल ही में पिता बने हैं, बोर्ड ने उन्हें बतौर नेट गेंदबाज टीम के साथ रखा हुआ था, हालांकि उस समय उन्हें कोई नहीं जानता था कि नटराजन की किस्मत ब्रिसबेन आते-आते बदल जाएगी, चौथा टेस्ट आते-आते शमी, बुमराह चोटिल हो गये, जिसके बाद नटराजन को टेस्ट डेब्यू का मौका मिला।

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बदली किस्मत
टी नटराजन की कहानी इसलिये भी खास है, क्योंकि ये खिलाड़ी तमिलनाडु के छोटे से गांव चिन्नापाम्पट्टी में जन्मा और इनकी मां मजदूरी कर परिवार का गुजारा करती थी, नटराजन टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलते थे, एक दिन उन पर कोच जयप्रकाश की नजर पड़ी, जिसके बाद बायें हाथ के इस गेंदबाज को तमिलनाडु प्रीमियर लीग में खेलने का मौका मिला, नटराजन ने इसके बाद आईपीएल में जगह बनाई, फिर आगे की कहानी से पूरा देश वाकिफ है।