खुद को साध्वी नहीं मानती जया किशोरी, भजन-कथा के अलावा ये करना है पसंद!

किशोरी जी खुद को यहां एक सामान्य युवती मानती हैं, इसके साथ ही वो ये भी कहती हैं कि जिस तरह दूसरी लड़कियां अपना जीवन बिताती हैं।

New Delhi, Jan 17 : चर्चित कथावाचिका जया किशोरी को देश-विदेश में उनके द्वारा गाये भजनों तथा भाग्वत कथा के लिये जाना जाता है, नानी बाई रो मायरा तथा श्रीमद्भागवत तथा में उनकी वाचन शैली को लोग खूब पसंद करते हैं, कम उम्र में ही काफी वाहवाही बटोर चुकी किशोरी दी युवाओं को लाइफ मैनेजमेंट तथा सफलता पाने के गुर भी बताती हैं, इन्हीं कारणों से भक्त जया किशोरी को साध्वी कहकर संबोधित करने लगे है, हालांकि उन्हें ये बिल्कुल भी पसंद नहीं है, और वो चाहती हैं कि कोई भी उन्हें साध्वी कहकर ना पुकारे, आइये जानते हैं वजह

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साध्वी कहलाना पसंद नहीं
जया किशोरी के कई इंटरव्यू में खुद ये बताया है कि वो कोई साध्वी नहीं हैं, इसलिये उन्हें साध्वी ना कहा जाए, उनका कहना है कि दूसरी लड़कियों के समान ही वो भी एक आम युवती हैं, jaya kishori3 वो आगे कहती हैं कि उन्होने भगवान श्रीकृष्ण को अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया है, यही कारण है कि वो अपने श्याम की भक्ति में सराबोर रहती हैं, साथ ही वो कोशिश करती हैं, कि समाज के अन्य तबकों को भी कान्हा के गुणों तथा ज्ञान का प्रचार प्रसार कर सकें, इसलिये वो कथावाचन तथा भजन गाती हैं।

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शादी से नहीं है इंकार
किशोरी जी खुद को यहां एक सामान्य युवती मानती हैं, इसके साथ ही वो ये भी कहती हैं कि जिस तरह दूसरी लड़कियां अपना जीवन बिताती हैं, Jaya Kishori1 उसी तरह वो भी रहती हैं, इतना ही नहीं शादी के सवाल से भी जया मना नहीं करती हैं, किशोरी जी के मुताबिक जिस तरह दूसरी लड़कियों की शादी होती है, वैसे ही समय आने पर वो भी अपने परिवार की मर्जी से शादी करेंगी, तथा गृहस्थ जीवन व्यापन करेंगी।

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खाली समय में क्या करती हैं
एक इंटरव्यू में किशोरी जी ने कहा था कि खाली समय में भी वो अपने ईश्वर में ही रमे रहना पसंद करती हैं, इस दौरान कुछ कथाएं, भजन प्रसंग तथा सत्संग सुनना पसंद करती हैं, jaya kishori 2 इसके अलावा सात्विक भोजन बनाना भी उन्हें पसंद है, जब कभी उन्हें कुछ समय मिलता है, तो वो किताबें पढना भी पसंद करती हैं।