किसान आंदोलन को लेकर शिवसेना का बीजेपी के बहाने कांग्रेस पर निशाना, झन्नाटेदार तंज!
किसान आंदोलन को लेकर शिवसेना ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ओर से निकाली गई ट्रैक्टर रैली में किसान हिंसक हुए।
New Delhi, Jan 31 : मोदी सरकार की ओर से कृषि कानून के विरोध में दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए शिवसेना ने एक बार फिर से केन्द्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है, शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिये बीजेपी के बहाने कांग्रेस पर निशाना साधने की कोशिश की है, शिवसेना ने कहा कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन जो कुछ भी हुआ, उसके बाद किसानों को देशद्रोही ठहरा दिया गया है, शिवसेना ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के शासन में भी कुछ अलग नहीं होता था।
बीजेपी पर तंज
किसान आंदोलन को लेकर शिवसेना ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ओर से निकाली गई ट्रैक्टर रैली में किसान हिंसक हुए, क्योंकि उन्हें उस तरह से उकसाया गया, किसानों को उकसाने वाला और किसानों को लाल किले तक ले जाने वाला आखिरकार बीजेपी परिवार से निकलना, इससे बड़ा मजाक और क्या हो सकता है।
शरद पवार का जिक्र
सामना में लिखा गया है कि शरद पवार जैसे नेता बार-बार कह रहे हैं कि पंजाब को अशांत ना बनाएं, उसके पीछे के सत्य को समझने की मानसिकता सत्ताधारियों की नहीं है, किसानों के नेता राष्ट्रपति भवन में जाकर अपनी व्यथा व्यक्त करके आये, लेकिन क्या लाभ हुआ, राष्ट्रपति भवन लोकभावना से कई मील दूर है, मुंबई में किसानों के नेता राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को निवेदन देने निकले, तब हमारे महामहिम राज्यपाल के गोवा के दौरे पर होने की बात कही गई, ये विषय सिर्फ बीजेपी के लिये ही नहीं बल्कि कांग्रेस के राज में भी ऐसा ही होता था।
इंदिरा गांधी ने भी ऐसा ही किया था
सामना में कहा गया है कि आज सरकार ने किसानों को देशद्रोही कहा है, साल 1975 में सरकार के खिलाफ आंदोलन करने वालों को इंदिरा ने भी राष्ट्रद्रोही शक्ति कहकर ही कमजोर किया था, सत्ताधारी पार्टी की प्रेरणा से जब दंगे होते हैं, तो अहिंसा पर दिये गये प्रवचन उपयोगी सिद्ध नहीं होते हैं, किसानों का आंदोलन किस तरह से राष्ट्रद्रोही हैं, इस पर बीजेपी का आईटी विभाग अब सोशल मीडिया में प्रवचन झाड़ रहा है, पीएम और गृह मंत्री की कुछ जिम्मेदारी है कि नहीं।