हो गया खुलासा! इस वजह से चिराग पासवान ने NDA से अलग होकर बिहार में लड़ा था चुनाव!
बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा ने एनडीए से अलग होकर चुनावी ताल ठोंकने का फैसला लिया था, हालांकि चिराग ने बीजेपी के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारे।
New Delhi, Feb 04 : बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी लोजपा एनडीए से अलग होकर लड़ी थी, जिससे एनडीए के कई घटक दलों को काफी नुकसान पहुंचा था, हालांकि इस चुनाव में पार्टी को सफलता नहीं मिली, अब चिराग पासवान के जदयू-बीजेपी गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ने को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है, कि आखिरकार रामविलास पासवान के बेटे ने अलग चुनाव लड़ने का क्यों फैसला लिया।
पूर्व विधायक का पत्र
लोजपा के पूर्व विधायक राजू तिवारी ने जदयू महासचिव केसी त्यागी को एक लेटर लिखा है, जिसमें पूर्व विधायक ने कहा है कि नीतीश के ज्यादा सीट पर लड़ने की जिद की वजह से एनडीए का बिहार में बुरा प्रदर्शन रहा, राजू तिवारी ने आगे लिखा है, कि नीतीश जी चिराग पासवान को बीमार पिता के इलाज में फंसे देखकर जदयू को 122 और लोजपा को सिर्फ 15 सीट देना चाहते थे, उन्होने कहा कि राजद के साथ मात्र 101 सीट पर लड़ने वाले नीतीश 122 सीटों का लालच कर रहे थे।
लोजपा के सुझाव को किया दरकिनार
लोजपा बिहार संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष राजू तिवारी ने लेटर में आरोप लगाया है कि लोजपा के बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट को घोषणापत्र में शामिल नहीं किया गया, चिराग के इस विजन को दरकिनार किया गया, जिससे लोजपा के समर्थक आहत हुए थे। इसके साथ ही राजू तिवारी ने चिट्ठी में बड़ा दावा किया है, उन्होने कहा कि नीतीशके कारण जीतन राम मांझी और वीआईपी को नुकसान हुई, दोनों ही दलों को इस चुनाव में 4-4 सीटें मिली है।
अलग चुनाव लड़ने का फैसला
आपको बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा ने एनडीए से अलग होकर चुनावी ताल ठोंकने का फैसला लिया था, हालांकि चिराग ने बीजेपी के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारे, करीब 145 सीटों पर चुनाव लड़े, लेकिन सिर्फ एक सीट ही जीत पाये।