Petrol Price- क्यों बढ रहे हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें, आसान भाषा में समझिये तेल का खेल!

पिछले 1 साल से 1 लीटर कच्चे तेल की कीमत इंटरनेशनल बाजार में जहां एक बोतल पैकेज्ड पानी के बराबर है, वहीं आम आदमी को चौगुने दाम पर बेचा जा रहा है।

New Delhi, Feb 17 : देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें रोजाना नया रिकॉर्ड बना रही है, वो भी तब जब इंटरनेशनल बाजार में कच्चे तेल की कीमतें काफी कम है, भारतीय नागरिक एक लीटर कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) की तुलना में पेट्रोल के लिये 4 गुना भुगतान कर रहे हैं, लेकिन अगर तेल पर कुछ टैक्स कम हो जाए, तो ऐसी त्राहिमाम से बचा जा सकता है, आइये समझते हैं तेल का पूरा खेल।

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इंटरनेशनल मार्केट में भाव कम
पिछले 1 साल से 1 लीटर कच्चे तेल की कीमत इंटरनेशनल बाजार में जहां एक बोतल पैकेज्ड पानी के बराबर है, वहीं आम आदमी को चौगुने दाम पर बेचा जा रहा है, एक लीडिंग वेबसाइट ने ये पता लगाने की कोशिश की है, कि आखिर जब कच्चा तेल सस्ता है, तो फिर लोगों को इतना महंगा क्यों पड़ रहा है। आधिकारिक रुप से पेट्रोल या डीजल की कीमत इंटरनेशनल बाजार में कच्चे तेल से तय होती है, यानी जब क्रूड ऑयल का भाव घटे या बढे, तो पेट्रोल-डीजल के दाम सस्ता या महंगा होना चाहिये, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं हो रहा है। पिछले एक साल में जनवरी 2020 से जनवरी 2021 के दौरान कच्चे तेल का भाव देखें, तो हकीकत सामने आ जाती है, इस दौरान इंटरनेशनल बाजार में कच्चे तेल की कीमत 13 फीसदी कम हुई, लेकिन घरेलू बाजार में आम लोगों को 13 फीसदी ज्यादा दाम देना पड़ा।

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कहां हो रहा खेल
पिछले साल मार्च में जब दुनिया भर में कोरोना से निपटने के लिये लॉकडाउन की शुरुआत की गई, तो क्रूड की कीमत जनवरी के मुकाबले मार्च में 29 रुपये से घटकर 16 रुपये प्रति लीटर पर आ गई, यानी 13 रुपये की गिरावट, लेकिन आम आदमी के लिये घरेलू बाजार में पेट्रोल की कीमत सिर्फ 5 रुपये कम हुए। फिर अप्रैल 2020 में कच्चे तेल की कीमत में भारी गिरावट आई और ये 10 रुपये प्रति लीटर के करीब पहुंच गया, बावजूद इसके देश में पेट्रोल के दाम कच्चे तेल के मुकाबले 8 गुना था, लॉकडाउन में ढील के बाद क्रूड ऑयल की कीमत इस साल जनवरी में 25 रुपये प्रति लीटर हो गई, लेकिन ग्राहकों को पेट्रोल के लिये फिर भी 87.57 रुपये देने पड़े, ऐसा इसलिये क्योंकि क्रूड ऑयल की कीमतें गिरने के बाद सरकार नये टैक्स लगा देती है, और कीमत उतनी ही रहती है, फिर जब क्रूड ऑयल की कीमत बढती है, तो पेट्रोल महंगा हो जाता है। ये आंकड़े बता रहे हैं कि देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत का सीधा रिश्ता विदेश में कच्चे तेल की कीमत से नहीं बल्कि टैक्स और डीलर्स की कमीशन से है।

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कई बार टैक्स बढाये
5 मई 2020 को क्रूड की कीमतें 28.84 रुपये से 14.75 रुपये पर आ गई थी, लेकिन सरकार ने रिकॉर्ड 10 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल और 13 रुपये लीटर डीजल पर एक्साइज ड्यूटी लगा दी, इससे सरकार को 1.6 लाख करोड़ का राजस्व मिला। 3 महीने के भीतर उत्पाद शुल्क में ये दूसरा इजाफा था, जो सीधे पेट्रोल की कीमत से जुड़ गया, इससे पहले मार्च में भी उत्पाद शुल्क में इजाफा किया गया था, इसके अलावा राज्य सरकारें भी बिक्री कर या वैद में बदलाव कर रही, केन्द्र और राज्य सरकारों के इस टैक्स से कच्चे तेल में गिरावट का फायदा आम लोगों को नहीं मिल रहा।