पुद्दुचेरी में सरकार गिरने के बाद अपने ही सहयोगी पर शिवसेना का हमला, कांग्रेस के लिये कही ऐसी बात!
उद्धव ठाकरे की पार्टी की ओर से ये भी कहा गया, कि राज्यपाल महाराष्ट्र के हों, या पुद्दुचेरी के, उन्हें दिल्ली का आदेश मानते हुए ही उठा-पटक करनी पड़ती है।
New Delhi, Feb 24 : पुद्दुचेरी में सरकार नहीं बचा पाने वाली कांग्रेस पर उसके सहयोगी दल शिवसेना ने ही हमला बोला है, महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोग से सरकार चलाने वाली शिवसेना ने कहा है कि कांग्रेस अपनी जमीन खो रही है, शिवसेना ने सामना में लिखा है, पुद्दुचेरी केन्द्र शासित और छोटा राज्य है, 30 निर्वाचित और तीन मनोनीत विधायकों को मिलाकर कुल 33 विधायकों की विधानसभा है, लेकिन बीजेपी ने ये छोटा राज्य भी कांग्रेस से खींच लिया।
मेंढक की तरह कूद गये विधायक
शिवसेना की ओर से कहा गया, कि नारायण सामी की सरकार को समर्थन देने वाले 5 विधायकों द्वारा मेंढकों की तरह कूदने के कारण सामी की सरकार अल्पमत में आ गयी, 5 विधायकों ने साढे चार साल तक कांग्रेस की सरकार को समर्थन किया, लेकिन अब ये विधायक कमल फूल के भंवरे बन गये हैं, सामना में लिखा गया है कि पिछले साल एमपी में भी कांग्रेस अपनी सरकार नहीं बचा पायी थी।
महाराष्ट्र बहुत दूर है
शिवसेना ने कहा कि जब मध्य प्रदेश की सरकार गिराई गयी थी, तो कहा गया था कि अगला वार महाराष्ट्र पर, उसके बाद कहा गया कि बिहार का परिणाम आने दो, फिर देखो महाराष्ट्र में कैसे परिवर्तन लाते हैं, अब पुद्दुचेरी की बात शुरु हो गयी है, लेकिन जैसे दिल्ली दूर है, उसी तरह महाराष्ट्र तो बहुत ही दूर है।
राज्यपाल का गलत इस्तेमाल
उद्धव ठाकरे की पार्टी की ओर से ये भी कहा गया, कि राज्यपाल महाराष्ट्र के हों, या पुद्दुचेरी के, उन्हें दिल्ली का आदेश मानते हुए ही उठा-पटक करनी पड़ती है, राज्यपाल का उपयोग भोजन की थाली के कढी पत्ते जैसा किया जाता है। मुखपत्र में लिखा गया है कि विधानसभा चुनाव में अभी 4 महीने बाकी हैं, लेकिन वहां कि सरकार को हटा दिया गया, ये बीजेपी का दंभ है, झारखंड में भी सरकार को अस्थिर किया जा रहा है, इसके लिये हेमंत सोरेन के पीछे केन्द्रीय जांच एजेंसी को लगा दिया गया है, ये माहौल लोकतंत्र के लिये सही नहीं हैं।