चोर चीन! अब भारतीय वैक्सीन का फॉमूर्ला चुराने की फिराक में है, ऐसे हुआ षड्यंत्र बेनकाब

कोरोना वैक्सीन बनाने वाली भारतीय कंपनियां चीनी हैकर्स के निशाने पर आ गई है, आरोप है कि वैक्‍सीन का फॉमूर्ला चुराने की कोशिश की गई है ।

New Delhi, Mar 02: भारत में कोरोना टीकाकरण का दूसरा दौर जारी है, इस बीच भारतीय वैक्सीन निर्माताओं के आईटी सिस्टम को हैकर्स ने टारगेट किया है । दावा है कि भारतीय वैक्सीन निर्माताओं के आईटी सिस्टम को हैक करने की कोशिश की गई है । हैरानी की बात ये कि हैकिंग की ये कोशिश चीन समर्थित हैकर्स के एक ग्रुप ने की थी । रॉयटर्स की ओर से एक रिपोर्ट में साइबर इंटेलिजेंस फर्म Cyfirma के हवाले से बताया गया है कि जिन दो वैक्सीन निर्माताओं के IT सिस्टम को हैक करने की कोशिश की गई, उनके वैक्सीन के डोज का उपयोग देश के टीकाकरण अभियान में किया जा रहा है ।

Advertisement

सप्‍लाई चेन बाधित करना चाहता है चेन
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस हैकिंग का मकसद भारत की कोरोना वैक्सीन सप्लाई चेन को बाधित करना था । इस रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन समर्थित हैकर्स का एक ग्रुप पिछले दिनों में कई बार कोरोना वैक्सीन बनाने वाली दो भारतीय कंपनियों के IT सिस्टम को निशाना बना चुका है । इनमें भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया यानी SII शामिल हैं ।  हैकर्स इन कंपनियों की IT सिक्योरिटी में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे थे ।

Advertisement

ढूंढ रहे थे कमजोरी
सिंगापुर और टोक्यो स्थित साइबर इंटेलिजेंस फर्म Cyfirma  ने जानकारी दी है कि चीनी हैकर्स APT10, जिसे स्टोन पांडा के नाम से भी जाना जाता है ने भारत के बायोटेक और SII के आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर और सप्लाई चेन सॉफ्टवेयर की कमजोरियों का पता लगाने की कोशिश की थी । यहां आपको बता दें कि SII दुनिया के कई देशों के लिए वैक्सीन बना रहा है । आपको बता दें भारत और चीन दोनों ही देश अलग-अलग देशों को कोरोना वैक्सीन बड़ी संख्‍या में उपलब्ध करवा रहे हैं । भारत जहां दुनियाभर में बिकने वाली सभी वैक्सीन का 60% से अधिक उत्पादन कर रहा है तो ऐसे में चीन भारत की कोरोना वैक्सीन सप्लाई चेन को बाधित करना चाहता था । इसी वजह से हैकर्स ने भारतीय वैक्सीन निर्माताओं के आईटी सिस्टम को निशाना बनाया ।

Advertisement

चीन ने दी सफाई
मामले में चीन के दूतावास की तरफ से बयान देकर सफाई पेश की गई है । चीन की ओर से कहा गया है कि चीन साइबर सुरक्षा के रक्षक के तौर पर किसी भी तरह के साइबर अटैक का दृढ़ता से विरोध करता है, साइबर अटैक के मसले पर पूर्व धारणा या अनुमानों की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। किसी पर बिना पर्याप्त सबूत के आरोप लगाना गैर जिम्मेदाराना व्यवहार है । आपको बता दें इससे पहले माइक्रोसॉफ्ट ने नवंबर महीने में कहा था कि उसने भारत, कनाडा, फ्रांस, दक्षिण कोरिया और अमेरिका में COVID-19 वैक्सीन कंपनियों को टारगेट करने वाले रूस और उत्तर कोरिया के साइबर हमलों का पता लगाया है । उत्तर कोरियाई हैकर्स, ब्रिटिश ड्रगमेकर एस्ट्राजेनेका के सिस्टम में सेंध लगाने की फिराक में थे ।