लखीमपुर खीरी- किसानों की जिंदगी बदलने के लिये छोड़ दी विदेश में लाखों की सैलरी वाली नौकरी, कर रही ये काम!

स्वाति पांडेय लखीमपुर खीरी जिले के नीमगांव इलाके के कोटरा गांव निवासी डॉक्टर अशोक कुमार पांडेय की बेटी है।

New Delhi, Mar 05 : यूपी के लखीमपुर खीरी में सिंगापुर से लाखों के पैकेज की मजे की नौकरी छोड़कर स्वाति पांडेय किसानों की जिंदगी में मिठास घोलने की कोशिश कर रही है, स्वाति ने अपनी टीम बनाई है, तथा लखीमपुर और उसके आस-पास के जिलों में मीठी तुलसी यानी स्टीविया की खेती शुरु की है, स्वाति ने आरबोरियल नाम से एक कंपनी भी बनाई है, जो मीठी तुलसी यानी स्टीविया की पत्तियों से प्रोडक्ट्स बना रही है, स्वाति कहती है कि सिंगापुर और इंग्लैंड में नौकरी करते-करते ये सोच लिया था, कि अपना कुछ काम करना है, अपना बिजनेस करना है, ऐसा बिजनेस जो भारत में हो, और किसानों की जिंदगी में कुछ मिठास ला सके, समाज के हित में हो, इसलिये मैंने स्टीविया की खेती को चुना, इस नैचुरल स्वीटनर की देश-विदेश में बहुत मांग है।

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पिता साइंटिस्ट थे
स्वाति पांडेय लखीमपुर खीरी जिले के नीमगांव इलाके के कोटरा गांव निवासी डॉक्टर अशोक कुमार पांडेय की बेटी है, अशोक कुमार पांडेय भारतीय वन अनुसंधान संस्थान में साइंटिस्ट थे, वो हाल ही में उपनिदेशक पद से रिटायर हुए हैं, स्वाति की मां घरेलू महिला हैं, बचपन में जब स्वाति छुट्टी बिताने गांव आया करती थी, तो किसानों की दशा देखकर उनके लिये मन में कुछ करने का जज्बा था।

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इंजीनियरिंग के बाद विदेश चली गई
साल 2010 में आईआईटी धनबाद से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद स्वाति पांडेय उच्च शिक्षा के लिये विदेश चली गई, उन्हें कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप मिल गई, स्वाति भारत से लंदन के प्रतिष्ठित इम्पीरियल कॉलेज के पीजी कर वहीं नौकरी करने लगी, इसके बाद स्वाति सिंगापुर चली गई, जहां उनकी सैलरी लाखों रुपये में थी।

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नैचुरल स्वीटनर
स्वाति ने बताया कि सिंगापुर में रहते हुए उन्होने देखा कि नैचुरल स्वीटनर यानी शुगर फ्री की बड़ी डिमांड है, उन्हें एक ऐसे बिजनेस की तलाश थी, जिसका सोसाइटी पर सकारात्मक असर हो, ऐसे में शुगर फ्री से बढिया और क्या हो सकता था, अच्छी नौकरी करते हुए स्वाति अपने देश के लोगों के लिये कुछ करने का प्लान करती रही, लखीमपुर आकर स्वाति ने स्टीविया को नर्सरी बनाई और लीज पर खेत लेकर खेती शुरु की, तीन साल तो रिसर्च वर्क चला, स्टीविया की कौन सी वैराइटी लगाई जाए, स्वाति ने कड़ी मेहनत से अपनी कंपनी खोल ली, और प्रोडक्ट्स भी लांच कर दिया। स्वाति कहती हैं कि अभी तो ये शुरुआत है, अभी लंबी उड़ान बाकी है।