विधानसभा में वही हुआ जिसका डर था, तेजप्रताप के उंगली दिखाने से बढा विवाद, हाथापाई और गाली-गलौच!

बीजेपी विधायक संजय सरावगी तथा मंत्री जनक राम ने कड़ी आपत्ति जाहिर की, जिसके बाद तेजस्वी के बड़े भाई विधायक तेज प्रताप ने सत्तारुढ दल के विधायकों की ओर अंगुली दिखाकर कुछ बातें ऐसी कह दी, जो विधायकों को नागवार गुजरी।

New Delhi, Mar 14 : बिहार विधानसभा में शनिवार को आखिरकार वही हुआ जिसका डर था, धक्का-मुक्की और गाली-गलौच सब हुआ, देख लेने की खुलेआम धमकी दी गई, शनिवार सुबह से ही मुजफ्फरपुर शराब मामले को लेकर विपक्ष तेवर दिखा रहा था, जिसके बाद सदन की गरिमा तार-तार की गई, आइये विस्तार से बताते हैं पूरा मामला क्या है।

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तेजस्वी ने उठाया मुद्दा
भू-राजस्व मंत्री रामसूरत राय के इस्तीफे की मांग पर अड़े विपक्ष ने सदन में जबरदस्त हंगामा किया, मामला अभी गरम ही था, कि दूसरी पाली में स्वास्थ्य विभाग के बजट पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अचानक फिर से शराबबंदी पर बात शुरु की, इस पर टोकाटाकी शुरु हो गई, TEJASHWI इस पर तेजस्वी ने कहा, कि नेता प्रतिपक्ष का पद संवैधानिक होता है, लेकिन डिप्टी सीएम का पद संवैधानिक नहीं होता है, इस पर सत्तारुढ दल के विधायक भड़क गये।

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तेज प्रताप के अंगुली दिखाने से बढा विवाद
बीजेपी विधायक संजय सरावगी तथा मंत्री जनक राम ने कड़ी आपत्ति जाहिर की, जिसके बाद तेजस्वी के बड़े भाई विधायक तेज प्रताप ने सत्तारुढ दल के विधायकों की ओर अंगुली दिखाकर कुछ बातें ऐसी कह दी, जो विधायकों को नागवार गुजरी, जिससे दोनों ओर के विधायक भिड़ गये, आपस में गाली-गलौच करने लगे। तेजस्वी भी बोलते जा रहे थे, उन्होने कह दिय़ा कि मेरे मुंह खोलते ही सत्तारुढ दल कांपने लगता है, देखते ही देखते मिनटों में और बवाल मच गया, बात इतनी बढी की मार्शल ने विधायकों को अलग किया।

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जो विधानसभा में हुआ, वो नहीं होना चाहिये
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कार्यवाही स्थगित कर दी, स्थगन के बाद भी सदन में विपक्षी दल नारेबाजी करते रहे, अध्यक्ष ने सख्त और गंभीर लहजे में कहा, आज विधानसभा में जो हुआ, वो नहीं होना चाहिये, कार्यवाही में इस तरह की चीजें बर्दाश्त नहीं की जाएगी, दूसरी पाली के पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने राजभवन तक मार्च निकाला था, इस दौरान तेजस्वी बेहद आक्रामक रहे, उन्होने मीडिया से बातचीत में कहा, कि सरकार विधानसभा में बात रखने नहीं दे रही है, विधानसभा जदयू और बीजेपी का दफ्तर हो गया है।