आज से खरमास शुरु, शाम में जरुर करें ये काम, बदल जाएगी किस्मत!
ज्योतिषी के अनुसार सूर्य अकेले ही सात ग्रहों के दुष्प्रभावों को नष्ट करने का सामर्थ्य रखते हैं, दक्षिणायन होने पर सूर्य के आंतरिक बल में कमी परिलक्षित होती है, इसलिये ढेरों परेशानियों की शुरुआत होती है।
New Delhi, Mar 14 : सूर्य के मीन राशि में गोचर के साथ ही 14 मार्च से खरमास शुरु हो गया, खरमास के आरंभ के साथ ही विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन जैसे मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिये, दरअसल खरमास को दुष्ट मास भी कहा जाता है, बृहस्पति के आचरण में उग्रता, अस्थिरता, क्रूरता और निकृष्टता के कारण इस मास के मध्य में शादी, गृह निर्माण, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण जैसे मांगलिक कार्य अमांगलिक सिद्ध हो सकते हैं, इसलिये शास्त्रों ने इस माह में इनका निषेध किया है, आइये जानते हैं कि शास्त्र के अनुसार क्या काम करने चाहिये और किन कामों से परहेज करना चाहिये।
खरमास में करें ये काम
ज्योतिषी के अनुसार सूर्य अकेले ही सात ग्रहों के दुष्प्रभावों को नष्ट करने का सामर्थ्य रखते हैं, दक्षिणायन होने पर सूर्य के आंतरिक बल में कमी परिलक्षित होती है, इसलिये ढेरों परेशानियों की शुरुआत होती है, लेकिन उत्तरायण होते ही सूर्य नारायण समस्त ग्रहों के तमाम दोषों का उन्मूलन कर देते हैं।
खरमास में दैहिक और भौतिक कष्टों से मुक्ति के लिये भगवान सूर्य की उपासना असरदार मानी गई है, ऐश्वर्य तथा सम्मान के अभिलाषियों को खरमास में बह्म मूहूर्त में सूर्य की अराधना करनी चाहिये।
खरमास तक तुलसी की पूजा करनी चाहिये, शाम को तुलसी के पौधे पर घी का दीपक जलाना चाहिये, इससे जीवन की समस्याएं कम होती है।
खरमास के दौरान गरीब ब्राह्मण, गुरु, गाय और साधुओं की सेवा करनी चाहिये, हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से शुभ फल मिलता है।
हिंदू धर्म ग्रंथ के अनुसार खरमास के दौरान भगवान विष्णु और सूर्यदेव की विधिपूर्वक उपासना करनी चाहिये, ऐसा करने से भगवान विष्णु और सूर्य देव की कृपा बरसती है, जिससे तरक्की और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
खरमास में ना करें ये काम
खरमास के दौरान मन में किसी के प्रति बुरी भावना नहीं लानी चाहिये, किसी भी व्यक्ति से किसी तरह का लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिये और ना ही झूठ बोलना चाहिये।
खरमास में मांगलिक कार्य जैसे शादी, गृह प्रवेश, भूमि पूजन, मुंडन नहीं करने चाहिये, ऐसी मान्यता है कि इस दौरान शुभ कार्य करने से अशुभ फल की प्राप्ति होती है।
खरमास में चारपाई त्यागकर जमीन पर सोना चाहिये, माना जाता है कि इससे सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है, इस माह में मांस-मदिरा की सेवन नहीं करना चाहिये।
(डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारियां तथा सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित है, हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं, इन पर अमल करने से पहले विशेषज्ञ से संपर्क करें)