उपेन्द्र कुशवाहा की ‘घर वापसी’, जदयू में पार्टी का विलय, नीतीश के लिये कही ऐसी बात!

नीतीश और कुशवाहा के बीच करीब 6 बार बात हुई, इसी दौरान रालोसपा के जदयू में विलय की कहानी लिखी गई, इस दौरान ये फैसला भी हो चुका था।

New Delhi, Mar 14 : बिहार में रालोसपा का रविवार को जदयू में विलय हो गया, रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि वो अब से नीतीश की अगुवाई में जदयू के साथ खड़े हैं। रविवार को सूबे की राजधानी पटना में एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होने बताया कि आज राष्ट्रीय परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया, देश तथा राज्य हित में बिहार में समान विचारधारा वाले लोगों को साथ आना चाहिये, ये मौजूदा राजनीतिक स्थिति की जरुरत है, ऐसे में रालोसपा ने नीतीश के नेतृत्त्व में जदयू में विलय का फैसला लिया है, अब से हम उनके साथ खड़े हैं।

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नीतीश को बताया बड़ा भाई
उपेन्द्र कुशवाहा ने इसके अलावा सुशासन बाबू को अपना बड़ा भाई बताया, उन्होने कहा इस विलय से बिहार का फायदा होगा, ये राजनीतिक सौदेबाजी नहीं है, जदयू में मेरी भूमिका नीतीश कुमार तय करेंगे , बिहार की जनता का हुक्म था, और उसी आदेश का पालन करेंगे, शिक्षा को लेकर अब साथ काम करेंगे। कुशवाहा के जदयू में शामिल होने पर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर कहा, कुशवाहा के शामिल होने का फैसला राज्य तथा देशहित में है।

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6 बार मुलाकात
दरअसल नीतीश और कुशवाहा के बीच करीब 6 बार बात हुई, इसी दौरान रालोसपा के जदयू में विलय की कहानी लिखी गई, इस दौरान ये फैसला भी हो चुका था, कि बहुत जल्द उपेन्द्र कुशवाहा फिर से अपने पुराने घर यानी जदयू में आएंगे, और बिहार में नीतीश के साथ मिलकर लव-कुश फैक्टर को मजबूत करेंगे।

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चुनाव में करारी हार
बिहार विधानसभा चुनाव में जहां उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा, वहीं जदयू का भी प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा, कुशवाहा के जदयू में आने के बाद ये सवाल खड़ा हो रहा है कि Upendra Kushwaha1 पार्टी में उनको कौन सा ओहदा मिलता है, साथ ही उनके पार्टी के वरीय पदाधिकारियों को नीतीश कुमार अपने दल में कैसे सेट करते हैं।