3 दिन में ही नीतीश ने उपेन्द्र कुशवाहा को दिया रिटर्न गिफ्ट, राज्यपाल ने लगाई मुहर?

उपेन्द्र कुशवाहा ने जदयू में शामिल होने के बाद कहा था कि वो बिना किसी शर्त और स्वार्थ के अपने दल का विलय जदयू में करने आये हैं, उनको किसी पद की लालसा नहीं है।

New Delhi, Mar 17 : इस समय की बड़ी खबर बिहार की राजधानी पटना से आ रही है, जहां राज्यपाल कोटे से विधान परिषद जाने वाले सदस्यों के नाम तय कर लिये गये हैं, विधान परिषद जाने वाले जिन चेहरों के नाम पर राज्यपाल की मुहर लगी है, उनमें सबसे ऊपर उपेन्द्र कुशवाहा का नाम है, तीन दिन पहले ही कुशवाहा ने अपनी पार्टी रालोसपा का जदयू में विलय किया है।

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नीतीश ने दी तवज्जो
उपेन्द्र कुशवाहा को एक बार फिर से नीतीश कुमार ने तवज्जो देते हुए विधान परिषद भेजने का फैसला लिया है, इससे पहले पार्टी में शामिल होते ही सुशासन बाबू ने उन्हें संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के रुप में जगह दी थी, माना जा रहा है कि अभी कुशवाहा को कुछ और पावर मिल सकता है।

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ये नाम भी शामिल
कुशवाहा के अलावा जिन अन्य चेहरों को विधान परिषद की सदस्यता दी जाएगी, उनमें बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी, जनक राम के अलावा राम वचन राय, जदयू प्रवक्ता संजय कुमार सिंह, nitish11 ललन कुमार सर्राफ, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, संजय सिंह, निवेदिता सिंह, देवेश कुमार, डॉ. प्रमोद कुमार, घनश्याम ठाकुर का नाम शामिल है।

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रिटर्न गिफ्ट
उपेन्द्र कुशवाहा ने जदयू में शामिल होने के बाद कहा था कि वो बिना किसी शर्त और स्वार्थ के अपने दल का विलय जदयू में करने आये हैं, उनको किसी पद की लालसा नहीं है, लेकिन नीतीश कुमार ने उनको पार्टी ज्वाइन करने के तीन दिन बाद ही एक तरीके से रिटर्न गिफ्ट दे दिया है। Nitish Kushwaha मालूम हो कि राज्यपाल कोटे की एंमएलसी सीटों पर कला, विज्ञान, साहित्य और समाजसेवा के क्षेत्रों से आने वाली लोगों को मनोनीत किया जाता है, राज्यपाल द्वारा मनोनीत होने वाले एमएलसी सदस्यों के नामों की सिफारिश प्रदेश सरकार ही करती है, इसके बावजूद ये राज्यपाल पर निर्भर करता है कि वो सरकार की सिफारिश को मानें या उसे लौटा दें, लेकिन राज्य सरकार की दोबारा भेजी गई सिफारिश को राज्यपाल की मंजूरी मिल जाती है।