4000 करोड़, 146 साल पुराना, ऐसा है सिंधिया का 400 कमरे वाला वो जय विलास महल जहां हुई सेंधमारी

ग्वालियर के सिंधिया राज परिवार के मशहूर जय विलास पैलेस में सेंधमारी की घटना से पिछले दिनों हड़कंप मच गया । इस महल की भव्‍यता देख आप भी हैरान रह जाएंगे ।  

New Delhi, Mar 18: सिंधिया राज परिवार के मशहूर जय विलास पैलेस के रानी महल में सेंधमारी हुई है । बेहद सुरक्षित माने जाने वाले इस महल में हुई इस घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया । पुलिस स्निफर डॉग की मदद से चोरों तक पहुंचने की कोशिश में है । आपको बता दें 12 लाख वर्गफीट से भी ज्यादा बड़े क्षेत्र में फैले इस शाही महल की कीमत करीब 4,000 करोड़ रुपये है । इस महल में 400 से ज्‍यादा कमरे हैं । फिलहाल पुलिस को यह पता नहीं चल पाया है कि चोरों ने जय विलास पैलेस से क्या चुराया है । आगे जानिए इस महल से जुड़ी खास बातें, साथ ही देखिए महल की भव्‍य तस्‍वीरें ।

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1874 में किया गया था तैयार  
इस महल को महाराजाधिराज जयजीराव सिंधिया अलीजाह बहादुर ने 1874 में बनाया था, तब इसकी लागत 1 करोड़ रुपये थी । आज ये 4000 करोड़ का है । महल को आर्किटेक्ट सर माइकल फिलोस द्वारा डिजाइन किया गया था । इस महल में 400 से अधिक कमरे हैं । जिसका एक हिस्सा संग्रहालय के रूप में इस्‍तेमाल किया जाता है । दरअसल इस राजसी महल का निर्माण वेल्स के राजकुमार, किंग एडवर्ड VI के भव्य स्वागत के लिए किया गया था । ये महल तब सिंधिया राजवंश का निवास भी था और फिर साल 1964 में इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया ।

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सिंधिया हैं कानूनी मालिक
भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया इस भव्य महल के कानूनी मालिक हैं, इस महल की भव्यता को देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं । महल के इंटीरियर की बात करें तो सिंधिया परिवार का ड्राइंग रूम जबरदस्‍त एंटीक फ़र्नीचर से सा हुआ है । महल के 400 कमरों में से एक खास कमरा ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया का है, जिसे आज भी उनके नाम से संरक्षि‍त किया गया है ।

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खास डाइनिंग हॉल
संग्रहालय की एक और खास चीज है, वो है चांदी की रेल जिसकी पटरियां डाइनिंग टेबल पर लगी हैं । अति विशिष्ट दावतों में यह रेल पेय परोसती चलती है । हॉल में इटली, फ्रांस, चीन और अन्य कई देशों की दुर्लभ कलाकृतियां मौजूद हैं । महल का प्रसिद्ध दरबार हॉल इस महल के भव्य अतीत का गवाह है । यहां लगे हुए दो फानूस दो-दो टन के हैं । कहा जाता है कि इन्हें तब टांगा गया था जब 10 हाथियों को छत पर चढ़ाकर छत की मजबूती परखी गई। इसके अलावा महल के आंगन में फव्‍वारा भव्‍यता को चार चांद लगाता है । इस पैलेस में जब रौशनी जगमगाती है तो नजारा बेहद खूबसूरत होता है ।