दुल्हन बनी बेटी को शहीद पिता की कमी ना हो इसके लिए शादी में पहुंची पूरी पलटन, हर रस्म निभाई
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए एक शहीद की बेटी की शादी में उसकी पूरी पलटन पहुंची, दुल्हन बनी बेटी को आर्शीवाद भी दिया और पिता की कमी नहीं महसूस होने दी ।
New Delhi, Mar 19: जयपुर के जोबनेर इलाके में हुई एक शादी भावुक पलों में बदल गई, यहां गांव तिबारिया के सांवरमल भामु की बेटी अनु की शादी 15 मार्च को धूमधाम से हुई । लेकिन इस शादी में ऐसा क्या खास था, दरअसल भामू जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लड़ते हुए 2017 में वीरगति को प्राप्त हो गए थे । उनकी कमी बेटी को ना खले इसके लिए उनकी पूरी पलटन शादी समारोह में शामिल हुई ।
पूरी पलटन ने की शिरकत
अनु की शादी जोबनेर निवासी कैलाश गौरा के साथ हुई । इस दौरान शहीद की बेटी को पिता की कमी ना महसूस होने देने के लिए प्लाटून कमांडर, प्लाटून हवलदार और स्पेशल गार्ड के जवानों ने शादी में शिरकत की । शहीद की बेटी अनु के फेरों से लेकर उसकी विदाई तक प्लाटून कमांडरों मौजूद रहे । इस दौरान मौजूद मेहमानों ने दूल्हा दुल्हन को आशीर्वाद दिया ।
2017 में हो गए थे शहीद
बता दें कि राजधानी जयपुर के सपूत और कश्मीर में तैनात हवलदार सांवरमल भामू 12 अप्रैल 2017 को आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हो गये थे, भामू का राजकीय सम्मान के साथ 14 अप्रैल 2017 को अंतिम संस्कार हुआ था । शहीद भामू को अंतिम विदाई देने के लिए उनके पैतृक गांव टिबरिया में बडी संख्या में लोग उपस्थित रहे । सांवरमल भामू के पुत्र अनिल ने अपने पिता को मुखाग्नि दी ।
हवलदार थे शहीद भामू
शहीद सांवरमल भामू सेना की 20 जाट रेजीमेंट में हवलदार थे और कालवाड़ के पास टिबरिया गांव के रहने वाले थे । भामू उन दिनों जम्मू-कश्मीर के दुर्गम क्षेत्र में तैनात थे, जहां 12 अप्रैल को उधमपुर में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में भामू शहीद हो गए थे, जिसके बाद 13 अप्रैल को उधमपुर के सैनिक अस्पताल में सांवरमल का पोस्टमार्टम हुआ था । जब शहीद की पार्थिव देह गांव पहुंची तो गांव में शहीद के अमर रहने और भारत माता की जय के जयकारे गूंज उठे । आपको बता दें कि टिबारिया गांव में आधा दर्जन से अधिक युवा सेना में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं ।