केकेआर जैसी गलती कर रहा टीम इंडिया?, हार्दिक पंड्या के साथ अन्याय!

टीम इंडिया के लिये टी-20 मुकाबलों में हार्दिक को 35 फीसदी मैचों (46 में से 30 मैचों में बल्लेबाजी की मौका) में बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिलता है, और तो और इनमें से कुल 11 मैच ऐसे हैं, जहां पंड्या ने कुल मिलाकर 35 गेंदें ही खेली है।

New Delhi, Mar 20 : कितनी हैरानी की बात है, कि जो क्रिकेटर टी-20 प्रारुप का सबसे घातक बल्लेबाज है, उसे ही टीम इंडिया सबसे कम गेंद खेलने का मौका देती है, हमने देखा है, कि कितने मौकों पर केकेआर की इस बात के लिये आलोचना होती रहती है कि आखिर वो क्यों आंद्रे रसेल जैसे बल्लेबाज को इतनी देर से बल्लेबाजी के लिये भेजते हैं, जब सब कुछ लुट चुका होता है। हार्दिक जैसे धुरंधर के साथ भी टीम प्रबंधन प्रबंधन वैसा ही रवैया तो नहीं अपना रहा है।

Advertisement

स्ट्राइक रेट
अगर स्ट्राइक रेट की बात करें तो (143.24) मौजूदा समय में सिर्फ केएल राहुल ही हार्दिक के करीब आते हैं और वो भी इसलिये क्योंकि उन्हें पारी की शुरुआत का मौका मिलता है, हार्दिक पंड्या को अकसर नंबर 6 या कई मौकों पर उससे भी नीचे बल्लेबाजी के लिये भेजा जाता है, जो शायद उनकी प्रतिभा के साथ अन्याय जैसा लगता है।

Advertisement

बल्लेबाजी का मौका नहीं
टीम इंडिया के लिये टी-20 मुकाबलों में हार्दिक को 35 फीसदी मैचों (46 में से 30 मैचों में बल्लेबाजी की मौका) में बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिलता है, और तो और इनमें से कुल 11 मैच ऐसे हैं, जहां पंड्या ने कुल मिलाकर 35 गेंदें ही खेली है, hardik 2 यानी औसत हर मैच में 2-3 गेंद, सिर्फ एक दर्जन मैच ही ऐसे हैं, जहां पर पंड्या को 12 गेंद (एक पारी का 10 फीसदी) या उससे ज्यादा गेंद खेलने का मौका मिला है, यही वजह है कि हार्दिक इस प्रारुप में एक भी अर्धशतक नहीं लगा पाये हैं।

Advertisement

ऊपर बल्लेबाजी का मौका
हो सकता है कि कुछ लोग ये तर्क दें, कि हार्दिक तो ऐसी ही भूमिका मुंबई इंडियंस के लिए भी निभाते हैं, लेकिन उस रोल में थोड़ा फर्क है, भारत के लिये पंड्या को औसतन जहां हर मैच अमूमन 6 गेंद मिलती है, (304 गेंद 47 मैचों में) वहीं मुंबई इंडियंस के लिये 10 (अब तक 847 गेंद 80 मैचों में) से ज्यादा गेंद, hardik pandya 1 यही वजह है कि आईपीएल में पंड्या का औसत करीब 30 का और स्ट्राइक रेट लगभग 160 का है, जो उनके भारत के आंकड़ों से अच्छा है। पिछले कुछ महीनों में कपिल देव से लेकर आकाश चोपड़ा, सहवाग और हरभजन सिंह तक ने इस बात की वकालत की है, कि हार्दिक को ना सिर्फ टी-20 बल्कि वऩडे मैचों में भी बल्लेबाजी के लिये ऊपर भेजा जाए, क्या अब समय आ गया है कि टीम इंडिया इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करे।