पेट भरने के लिए बांटे अखबार, टीचर ने कहा- कुछ नहीं कर पाओगे, युवक ने खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी

अलीगढ़ के रहने वाले आमिर कुतुब वो शख्‍स हैं, जिनकी सफलता की कहानी किसी को भी प्रेरित कर सकती है । सपनों को साकार करने की ये खास कहानी आगे पढ़ें ।

New Delhi, Mar 20: बड़े-बड़े सपने लेकर ऑस्ट्रेलिया पहुंचे आमिर कुतुब आज अपने सपनों को साकार कर चुके हैं, सफलता का स्‍वाद चख चुके हैं । भारत से ऑस्‍ट्रेलिया पहुंचना कठिन तो था लेकिन उनके हौंसलो के आगे मुश्किलों ने भी घुटने टेक दिए । आजीविका के लिए, एयरपोर्ट पर सफाई कर्मचारी से लेकर अखबार बांटने का काम कर चुके आमिर आज 10 करोड़ रुपए टर्नओवर कीने वाली कंपनी के मालिक है।

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छोटे शहर के आमिर ने देखे बड़े सपने
उत्‍त्‍र-प्रदेश के सहारनपुर से संबंध रखने वाले आमिर के माता-पिता, उनकी बेहतर शिक्षा के लिए अलीगढ़ चले गए । यहां आमिर लंबे समय तक रहे । आमिर के पिता उन्‍हें डॉक्‍टर बनाना चाहते थे लेकिन उन्‍होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की । लेकिन वह अपना करियर इसमें भी नहीं बनाना चाहते थे। कोर्स में मन ना होने के कारण उनके नंबर पर असर पड़ने लगा, तब उनके एक प्रोफेसर ने उनसे कहा कि वह जीवन में कुछ नहीं कर पाएंगे । आमिर ने कहा कि वाकई उस वक्‍त पढ़ाई में हालत खराब थी, मेरा आत्‍मविश्‍वास खत्‍म हो गया था । लेकिन समय बीता और वो फिर से अच्‍छा करने लगे ।

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2008 में बनाया एक सोशल नेटवर्क
आमिर ने बताया कि उनके कॉलेज के समय में ऑरकुट के अलावा भी कुछ और सोशल नेटवर्किंग साइट लोगों के बीच लोकप्रिय हो रही थीं। तब उन्‍होंने अपने दोस्‍तों के साथ कॉलेज के लिए  एक सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म बनाने पर काम किया । मैकेनिकल इंजीनियरिंग का होने के कारण सब उनसे पूछते कि वो प्रोग्रामिंग करने और सोशल नेटवर्किंग साइट बनाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं । लेकिन उन्‍होंने इस पर काम किया, 4 महीने लगे रहे । साइट लॉन्‍च हुई और पहले हफ्ते में ही लगभग 10 हजार सदस्य साइन अप कर चुके थे। आमिर ने 2012 में ग्रेटर नोएडा में होंडा कंपनी में पहला काम किया । एक साल नौकरी के बाद एहसास हुआ कि वह 9 से 5 की नौकरी करने के लिए नहीं बने हैं।

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नौकरी छोड़कर वेब डिजाइनिंग की
23 साल की उम्र में ही आमिर ने अपनी नौकरी छोड़ दी । इसके बाद, वेब डिजाइनिंग के लिए फ्रीलांस काम किया । ज्यादातर क्लाइंट ऑस्ट्रेलिया या लंदन के थे। ऐसे ही एक क्लाइंट ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया आकर काम करने का सुझाव दिया। आमिर ने तब वहां एमबीए के लिए अप्लाई किया और एक आंशिक छात्रवृत्ति के साथ दूसरे देश पहुंच गए । यहां पहुंचकर लगभग चार महीनों तक अलग-अलग तरह के काम किए । अच्‍छी नौकरी के 150 से ज्यादा रिजेक्शन मिलने के कारण वो छोटे काम करने से भी पीछे नहीं रहे । कॉलेज की फीस से लेकर खुद के खर्चे भरने भारी पड़ रहे थे ।

ऐसे मिली सफलता …
आमिर ने बताया कि सब कुछ बहुत मुश्किल था, काम – पढ़ाई-मेरा बिजनेस आईडिया । लेकिन फिर आमिर ने हार नहीं मानी, एक साल बाद आईसीटी जिलॉन्ग में इंटर्नशिप मिली, एक हफ्ते काम के बाद ही उन्‍हें पक्का कर दिया गया। 2 साल में ही, आमिर जनरल मैनेजर बन गए । 2014 में, आईसीटी जिलॉन्ग में काम करते हुए, आमिर ने ‘एंटरप्राइज मंकी प्रोपराइटर लिमिटेड’ नाम से अपनी कंपनी रजिस्‍टर की । ये एक वेब और ऐप डेवलपमेंट कंपनी है, दो हजार डॉलर के शुरुआती निवेश के साथ, उन्होंने अपने गैरेज से काम शुरू किया । आज, यह कंपनी वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कुछ बड़े निगमों की सेवा में भी है और अब आमिर के पास यह सब करने के लिए पर्याप्त पूंजी है। आमिर अब सक्रिय रूप से निवेश करने के लिए, कंपनियों की तलाश में है, उनके मुताबिक लगभग 6,40,000 डॉलर, उन्होंने कई छोटे स्टार्ट-अप में लगाए है। आमिर अब भारत के टियर 2 और 3 शहरों में निवेश करने के मौके ढूंढ रहे हैं।