धोनी के संन्यास से सबसे ज्यादा नुकसान कुलदीप और चहल को, ये देखिये आंकड़े!
धोनी के बिना कुलदीप यादव ने 16 मैच खेले और सिर्फ 14 विकेट ही मिल पाये हैं, इस दौरान उनका इकॉनमी रेट 6.22 का रहा, वहीं चहल ने धोनी के बिना कुल 8 विकेट खेले, और 11 विकेट हासिल किये हैं।
New Delhi, Mar 28 : टीम इंडिया के पूर्व कप्तान धोनी भले ही संन्यास ले चुके हैं, और मैदान से दूर हैं, लेकिन उनके फैंस अकसर उन्हें याद करते हैं, अब सोशल मीडिया पर कुलदीप यादव ट्रेंड कर रहे हैं, और ऐसे में कुछ लोगों का मानना है कि कुलदीप और चहल ने धोनी के विकेट के पीछे रहने के दौरान काफी अच्छा प्रदर्शन किया, कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा, कि धोनी के विकेट के पीछे नहीं रहने के बाद दोनों के प्रदर्शन में गिरावट आई है।
पूछा जा रहा सवाल
टीम इंडिया को इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे वनडे में मिली हार के बाद ये सवाल और ज्यादा पूछा जा रहा है, पुणे के एमसीए स्टेडियम में शुक्रवार को इंग्लैंड ने भारत के खिलाफ सीरीज के दूसरे वनडे में 6 विकेट से जीत हासिल की, इस जीत के साथ मेहमान टीम ने तीन मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर कर ली।
इंग्लिश बल्लेबाजों ने स्पिनरों को धोया
पुणे में दूसरे वनडे मैच में स्पिनरों पर इंग्लिश बल्लेबाजों ने जमकर रन बटोरे, चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव और क्रुणाल पंड्या तो बहुत महंगे साबित हुए, कुलदीप ने 10 ओवर में 84 रन लुटाये, और उन्हें कोई सफलता नहीं मिली, वहीं क्रुणाल ने भी 6 ओवर में 72 रन दे दिये। इसके बाद बहस सी छिड़ गई कि कुलदीप और चहल का प्रदर्शन धोनी के टीम में रहने तक ही बेहतर था, अगर आंकड़ों पर नजर डालें, तो धोनी का प्रभाव नजर तो आता है, धोनी के साथ कुलदीप ने 47 और चहल ने 46 मैच खेले, इस दौरान कुलदीप ने कुल 91 विकेट झटके, जबकि चहल को भी 81 विकेट मिले।
ऐसा है धोनी के बिना प्रदर्शन
धोनी के बिना कुलदीप यादव ने 16 मैच खेले और सिर्फ 14 विकेट ही मिल पाये हैं, इस दौरान उनका इकॉनमी रेट 6.22 का रहा, वहीं चहल ने धोनी के बिना कुल 8 विकेट खेले, और 11 विकेट हासिल किये हैं, इस दौरान इस लेट स्पिनर का इकॉनमी रेट 6.80 का रहा। पूर्व धुरंधर ओपनर सहवाग ने क्रिकबज से कहा, सच यही बात है कि धोनी के रहने से फायदा होता था, वो बल्लेबाज को पढते थे और बताते थे कि वो क्या करने वाला है, और क्या कर रहा है, वो गेंदबाजों को भी उसी हिसाब से गाइड करते हैं, इन दोनों के शुरुआती करियर में धोनी ने काफी मदद की है, लेकिन अब खुद ही अपनी मदद करनी होगी, अब बल्लेबाज को खुद ही पढना होगा, और समझना होगा, कि किस तरह की गेंदबाजी से उसे परेशान किया जा सकता है, अब खुद ही मेहनत करनी होगी।