मुख्तार अंसारी पर पोटा लगाने वाले पूर्व डिप्टी SP का छलका दर्द- नौकरी गई, जेल जाना पड़ा

मुख़्तार अंसारी के खिलाफ कार्रवई करने वाले तत्‍कालीन डिप्‍टी एसपी के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमे योगी सरकार ने वापस ले लिए हैं । पूर्व डिप्टी SP ने ये जानकारी खुद साझा की ।

New Delhi, Apr 01: यूपी के बाहुबली विधायक मुख़्तार अंसारी के पास साल 2004 में सेना की चोरी हुई एलएमजी बरामद करने के बाद उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने वाले पूर्व डिप्टी एसपी शैलेन्द्र सिंह पर तब खूब दबाव बना, उल्‍टा उन्‍हीं पर केस दर्ज कर दिए गए थे । अब करीब 16 साल बाद उन पर दर्ज सभी मुकदमों को वापस ले लिया गया हैं । सीजेएम कोर्ट ने यह आदेश दिया । पूर्व डिप्टी SP ने कोर्ट के आदेश की कॉपी फेसबुक पर साझा करते हुए यह जानकारी दी ।

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अंसारी पर लगा दिया था पोटा
दरअसल, सेना के एक भगोड़े जवान ने सेना से चुराई गई एलएमजी को मुख़्तार अंसारी के पास बेच दिया था । मामले में यूपी एसटीएफ के वाराणसी यूनिट में तैनात तत्कालीन डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह मुख़्तार के खिलाफ पोटा के तहत कार्रवाई की थी । बाहुबली पर ऐसी कार्रवाई का असर ये हुआ कि तत्कालीन सरकार द्वारा शैलेन्द्र सिंह पर राजनैतिक दबाव पड़ने लगा, सिंह इस बात से बेहद नाराज थे । नाराज़ होकर उन्होंने डिप्टी एसपी के पद से ही इस्तीफ़ा दे दिया । बाद में तत्कालीन सरकार ने पूर्व डिप्टी SP पर कई मुकदमे भी लगा दिए ।

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योगी सरकार ने वापस लिए मुकदमे
दिसम्बर 2017 में योगी सरकार ने शैलेन्द्र सिंह के ख़िलाफ़ लगे मामलों को हटाने का फ़ैसला किया था । सरकार के इस फ़ैसले को अब कोर्ट की मंजूरी भी मिल गई है । आपको बता दें, शैलेंद्र सिंह के इस्तीफा देने के कुछ महीने बाद ही वाराणसी के कैंट थाने में दर्ज एक मामले में पूर्व डिप्टी SP शैलेंद्र सिंह को जेल भी जाना पड़ा था । दरअसल यहां, डीएम कार्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी लालजी की तरफ से डीएम दफ्तर के रेस्टरूम में तोड़फोड़ और हंगामे की एफआईआर दर्ज कराई गई थी ।

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शैलेन्‍द्र सिंह का पोस्‍ट
पूर्व डिप्टी SP शैलेन्‍द्र सिंह ने अपनी पोस्ट में लिखा है-  “2004 में जब मैंने माफिया मुख्तार अंसारी पर LMG केस में POTA लगा दिया था, तो मुख्तार को बचाने के लिए तत्कालीन सरकार ने मेरे ऊपर केस खत्म करने का दबाव बनाया । जिसे न मानने के फलस्वरूप मुझे डिप्टी एसपी पद से त्यागपत्र देना पड़ा था । इस घटना के कुछ महीने बाद ही तत्कालीन सरकार के इशारे पर, राजनीति से प्रेरित होकर मेरे ऊपर वाराणसी में आपराधिक मुकदमा लिखा गया और मुझे जेल में डाल दिया गया । लेकिन जब योगी जी की सरकार बनी तो, उक्त मुकदमे को प्राथमिकता के साथ वापस लेने का आदेश पारित किया गया, जिसे सीजेएम न्यायालय द्वारा 6 मार्च, 2021 को स्वीकृति प्रदान की गई ।  न्यायालय के आदेश की नकल आज ही प्राप्त हुई । मैं और मेरा परिवार योगी जी की इस सहृदयता का आजीवन ऋणी रहेगा । संघर्ष के दौरान मेरा साथ देने वाले सभी शुभेक्षुओं का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।”