दादा कांग्रेसी-नाना ब्रिगेडियर-चाचा उप राष्‍ट्रपति, ऐसा है बाहुबली मुख्‍तार अंसारी का परिवार

कानून की नजर में मुख्तार अंसारी एक हत्यारा और अपराधी है, लेकिन इस बाहुबली की पहचान उत्तर प्रदेश की जनता के लिए किसी रॉबिनहुड से कम नहीं है। जानें इनके परिवार के बारे में ।

New Delhi, Apr 01: बाहुबली मुख्तार अंसारी सुर्खियों में हैं । कानून भले उसे हत्यारा और अपराधी बता रही हो लेकिन उत्तर प्रदेश की जनता के लिए वो रॉबिनहुड से कम नहीं । सियासत में भी अच्‍छे खासे नेताओं को वो चुनौती देता रहा है । बाहुबली नेता का इतिहास देखें तो आप हैरान रह जाएंगे, दादा-नाना से लेकर चाचा तक उच्‍च पदों पर काम कर चुके हैं । इतना ही नहीं उसका खुद का बेटा भी खेलों में नाम कमा रहा है ।

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दादा कांग्रेसी-नाना ब्रिगेडियर
गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी के दादा आजादी से पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनके नाम पर दिल्ली में रोड भी है और वह गांधीजी के काफी करीबी माने जाते थे। वहीं, महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर उस्मान, मुख्तार अंसारी के नाना थे। इतना ही नहीं, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी रिश्ते में मुख्तार अंसारी के चाचा लगते हैं। बात करें मुख्तार अंसारी के पिता की तो वो एक कम्युनिस्ट नेता थे।

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यूपी की जनता के लिए रॉबिनहुड
मुख्‍तार अंसारी यूपी की जनता के बीच पसंद भी किया जाता है, कहा जाता है कि वो गरीब तबके का मददगार रहा है । किसी की शादी ब्याह में पैसा देना हो या फिर किसी का मकान बनाना हो, मदद मुख्तार अंसारी से मिल जाया करती थी । 2017 के विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान मुख्तार अंसारी पर हमला बोलते हुए कहा था कि वे जेल में रहकर भी अपने लोगों से बाहर कई कांड करवाते रहते हैं।

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13 सालों से जेल में हैं
आपको बता दें मुख्तार अंसारी पर लगभग 40 मुकदमे दर्ज हैं और वो 13 सालों से जेल में हैं । मुख्तार अंसारी का पूर्वांचल की सियासत में गहरा दबदबा है, यहीं वजह है कि वो अपराधिक छवि का होने के बावजूद कई सालों से विधायक बनता रहा है । गौरतलब है कि बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में मुख्तार अंसारी जेल में बंद हैं। उस पर एक से एक संगीन मामले दर्ज हैं। अंसारी के आपराधिक रिकॉर्ड की बात करें तो उस पर 1988  में पहला आरोप हत्या का लगा था। इसके बाद माफिया डॉन बृजेश सिंह से रंजिश के चलते मुख्तार अंसारी का नाम चर्चा में आया। 1996 में मुख्तार अंसारी ने एक पुलिस कर्मी पर जानलेवा हमला किया। 1997 में अपहरण की बड़ी वारदात को अंजाम दिया । वहीं 2005 में उस पर हिंसा भड़काने जैसे आरोप लगे । साल 2012 में महाराष्ट्र सरकार ने अंसारी पर मकोका लगाया।