चैत्र नवरात्र: शेर पर नहीं घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं दुर्गा मां, लेकिन इस बार एक खतरे की आशंका

इस वर्ष चैत्र नवरात्र 13 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं, मां दुर्गा इस बार एक विशेष संयोग और नए वाहन पर आ रही हैं । जानें पूरी जानकारी ।

चैत्र नवरात्र की शुरुआत होने वाली है, 13 अप्रैल से शुरू होकर इस बार नवरात्र की समाप्ति 21 अप्रैल रामनवमी के दिन हो रही है । प्रथम दिन कलश स्थापना के साथ ही पावन नवरात्र में मां दुर्गा के सभी नौ स्वरूपों की पूजा शुरू हो जाएगी । ज्‍योतिष जानकारों के अनुसार इस साल मां दुर्गा शेर की बजाय घोड़े पर सवार होकर आएंगी, जो कि एक अशुभ संकेत माना जाता है। मान्यता के अनुसार ऐसा होने पर प्राकृतिक आपदा की आशंका रहती है।

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नवरात्र के शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्र में भी मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है, इन दिनों में मां के सभी स्वरूपों की विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन के सारे संकट समाप्त हो जाते है। इस बार का शुभ मुहूर्त और पारण की तिथि इस तरह होगी ।
कलश स्थापना का समय- 13 अप्रैल की सुबह 5 बजकर 58 मिनट से 13 अप्रैल की सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक । यानी कलश स्थापना का इस बार का कुल समय, 4 घंटे 16 मिनट का है । कलश स्थापना का दूसरा शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 56 मिनट से सुबह 12 बजकर 47 मिनट का है । यानी यदि आप सुबह सुबह कलश स्‍थापना ना कर पाएं तो दूसरे मुहूर्त पर कर सकते हैं ।

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नवरात्र की तिथियां और मां दुर्गा के स्‍वरूप का पूजन
नवरात्रि का पहला दिन 13 अप्रैल को होगा, इस दिन मां शैलपुत्री पूजा की आराधना की जाएगी । दूसरे दिन, 14 अप्रैल को  मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का रहेगा । तीसरे दिन 15 अप्रैल  मां चंद्रघंटा की पूजा होगी । चौथे दिन 16 अप्रैल को मां कूष्मांडा की पूजा आराधना होगी । पांचवें दिन 17 अप्रैल को मां स्कंदमाता और छठे दिन 18 अप्रैल को मां कात्यायनी की पूजा होगी । 20 अप्रैल को आठवां दिन मां महागौरी पूजा के नाम रहेगा । नौवें दिन 21 अप्रैल को मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जाएगी । इस दिन देश भर में रामनवमी का त्‍यौहार भी मनाया जाएगा ।

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घोड़े पर आएंगी मां दुर्गा
इस वर्ष मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही है, ज्‍योतिष जानकारों के अनुसार ये एक अशुभ संकेत हो सकता है । मां के इस सवारी पर आने को गंभीर संकट के आने का प्रतीक माना गया है । धार्मिक मामलों के जानकारों और देवी भागवत पुराण के अनुसार यह किसी प्रकार की प्राकृतिक आपदा आने का संकेत हो सकता है । विशेष तौर पर सत्ताधारी लोगों पर इसका बुरा प्रभाव देखने को मिल सकता है। इसके अलावा पड़ोसी देशों से सीमा-विवाद और अन्य तरह के मतभेद भी संभव हैं ।