कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने बाबाधाम में की पूजा तो मच गया बवाल, बीजेपी की खास मांग!

निशिकांत दुबे ने इरफान अंसारी पर धार्मिक भावना के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है, उन्होने कहा कि जिस तरह काबा में गैर मुस्लिम नहीं जा सकते, उसी तरह द्वादश ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ मंदिर में गैर हिंदू का प्रवेश नहीं हो सकता है।

New Delhi, Apr 16 : झारखंड के मधुपुर विधानसभा उपचुनाव के लिये 17 अप्रैल को मतदान होना है, मधुपुर गोड्डा संसदीय क्षेत्र के अधीन है, चुनाव प्रचार खत्म होने से एक दिन पहले प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी द्वारा स्पर्श पूजा के बाद बवाल मचा हुआ है, गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने गुरुवार को ट्वीट कर इस पर विरोध जाहिर करते हुए कहा, कि पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद और निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर कैलाश नंद ने मुझे फोन कर कहा, कि इससे बड़ा जघन्य अपराध नहीं हो सकता।

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धार्मिक भावना के साथ खिलवाड़
गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने इरफान अंसारी पर धार्मिक भावना के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है, उन्होने कहा कि जिस तरह काबा में गैर मुस्लिम नहीं जा सकते, उसी तरह द्वादश ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ मंदिर में गैर हिंदू का प्रवेश नहीं हो सकता है, कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने बाबा धाम मंदिर में पूजा कर हिंदू धार्मिक भावना के साथ खिलवाड़ किया है। झारखंड सरकार जामताड़ा विधायक पर रासुका लगाये, सिर्फ यही नहीं उन्होने ट्विटर पर भी एक पोस्ट की है, जिसमें लिखा है, आज ग्लानि हुई, कि मेरे सांसद रहते बाबा बैद्यनाथ मंदिर के गर्भगृह में कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने पूजा करने के बहाने ज्योतिर्लिंग को स्पर्श कर अपवित्र करने की कोशिश की है, आस्था के मुताबिक मक्का में गैरमुस्लिम का प्रवेश वर्जित है, गर्भगृह में गौमांस भक्षण करने वालों का प्रवेश पर भी रोक है।

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स्पर्श पूजा
बुधवार को कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने तीर्थ पुरोहित प्रदीप कर्महे से विधि पूर्वक संकल्प कराकर स्पर्श पूजा की थी, जिसके बाद सांसद निशिकांत दुबे की प्रतिक्रिया आई है, अब ये मामला राजनीतिक रुप लेता दिख रहा है।

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विधायक ने क्या कहा
इरफान अंसारी ने ट्वीट कर कहा, कि बाबा भोलेनाथ के दरबार में हजारों बार गया हूं, लेकिन भगोड़े सांसद की नजर में पहली बार आया हूं, इतिहास पता नहीं है, मां पार्वती और शंकर भगवान के मंदिर का गठजोड़ हमारे पूर्वजों द्वारा बुने गये धागे से ही होता आ रहा है, बाबा नगरी मेरी जन्मस्थली है, निशिकांत दुबे की संकीर्ण मानसिकता से मन दुखी है, और बाबा नगरी मेरा घर आंगन है, कोई बाहरी नेता मुझे अपने घर से दूर नहीं कर सकता, बाबा मेरे हैं और मैं बाबा का भक्त हूं, कोई निशिकांत धर्म का ठेकेदार ना बने।