जानें, आखिर क्यों एक चाय वाले की मौत पर ‘मातम’ मना रहा है मिनी इंडिया
छत्तीसगढ़ के भिलाई में एक चाय वाले के निधन का शोक मनाया जा रहा है, जानें आखिर वो इतने अहम क्यों थे ।
New Delhi, Apr 17: ये तस्वीर है कमला शंकर दुबे की, भिलाई में चाय बचने वाले दुबे जी शुक्रवार को चल बसे । उन्हें कोरोना संक्रमण हो गया था । लेकिन आखिर उनमें ऐसी क्या खास बता थी कि पूरा भिलाई क्षेत्र दुबे की जे निधन से गमगीन है । दरअसल, दुबे जी की चाय की दुकान एकमात्र ऐसी जगह थी जहां युवाओं की महफिल लगा करती थी तो वहीं बुजर्गों के ठहाके भी यहीं सुनाई दिया करते थे । उस पर से दुबे जी की बातें सबको उनकी याद दिला रही है ।
छत्तीसगढ़ का मिनी इंडिया हुआ गमगीन
दरअसल, दुर्ग जिले के भिलाई से जुड़े सैकड़ों लोगों ने शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट और वाट्सएप स्टेटस पर बीते शुक्रवार को चायवाले कमला शंकर दुबे की फोटो पोस्ट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी । कइयों ने उनके साथ अपनी यादों को साझा किया । आपको बता दें 16 अप्रैल की सुबह भिलाई के सिविक सेंटर में दुबे टी-स्टॉल के संचालक, 45 वर्षीय कमला शंकर दुबे के निधन की खबर आई थी । वो बीते मार्च से एक निजी अस्पताल में भर्ती थे, वो कोविड से जूझ रहे थे ।
बहुत खास था ये ‘चाय वाला’
कमला श्ंकर दुबे की चर्चा आम लोग ही नहीं राजनेता भी कर रहे हैं, पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय ने उनके निधन पर कहा कि एक तरह से मुझे दुबे जी की चाय की आदत हो गई थी । 1993-94 के दौरान ही वे उनकी बनाई चाय पिया करते थे । मार्च में उनकी तबीयत खराब होने से पहले तक सुबह साइकलिंग के बाद मैं कुछ देर उनकी चाय दुकान के पास ही बिताता था । बैडमिंटन के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी व कोच संजय मिश्रा के मुतसबिक- भिलाई में कई बार टूर्नामेंट के दौरान सैकड़ों की खिलाड़ी जुटते थे, जिनकी सुबह दुबे जी की चाय के साथ ही होती थी ।
बहुत ही नेक दिल थे दुबे जी …
भिलाई में सक्रिय गुड मॉर्निंग एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेन्द्र पांडेय ने कमला शंकर दुबे के बारे में बताया कि दुबे जी व्यावहारिक होने के साथ ही संवदेनशील भी थे । एक ऐसा ही किस्सा बताते हुए पांडेय ने बताया कि 2019-20 में ठंड की एक एक रात जब दुबे जी घर लौट रहे थे तो उन्हें एक लड़का सड़क पर ठंड में ठिठुरते । वो पहले उसे पुलिस थाने ले गए, लेकिन जब कुछ ना बन पड़ा तो वो उस अपने घर ले गए । मानसिक स्थिति ठीक न होने के कारण वो कुछ बता ही नहीं पा रहा था । दुबे जी की नेकदिली से जुड़े कई ऐसे किस्से हैं जो लोगों को अब रह-रहकर याद आ रहे हैं ।
(Source:News18)