23 लाख की सैलरी छोड़ देशसेवा का फैसला, बिना कोचिंग पास की IAS परीक्षा

आईएएस अधिकारी काजल ज्वाला उन सभी के लिये प्रेरणास्त्रोत हैं, जो कड़ी मेहनत से अपने मंजिल को हासिल करना चाहते हैं।

New Delhi, Apr 20 : यूपीएससी परीक्षा को कठिन माना जाता है, लेकिन ये भी कहा जाता है कि अगर इंसान ठान ले और ईमानदारी से प्रयास करे, तो उसके लिये कोई भी काम मुश्किल नहीं, आज हम यूपीएससी परीक्षा पास करने वाली एक महिला आईएएस के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, जिन्होने कई जिम्मेदारियां निभाते हुए इस परीक्षा की तैयारी की, फिर सारी मुश्किलों को पार कर अपना मुकाम हासिल किया।

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काजल ज्वाला
आईएएस अधिकारी काजल ज्वाला उन सभी के लिये प्रेरणास्त्रोत हैं, जो कड़ी मेहनत से अपने मंजिल को हासिल करना चाहते हैं, मूल रुप से शामली की रहने वाली काजल ज्वाला ने अपनी शुरुआती पढाई-लिखाई शामली से ही की, स्कूल के बाद उन्होने इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया, उन्होने मथुरा के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से अपनी पढाई की थी।

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23 लाख का पैकेज
इंजीनियरिंग के बाद काजल की नौकरी प्रतिष्ठित कंपनी विप्रो में लग गई, जहां उनका सालाना पैकेज 23 लाख रुपये का था, शुरुआती दिनों में काजल डॉक्टर बनना चाहती थी, लेकिन ये संभव नहीं हो सका, जिसके बाद उन्होने सिविल सेवा में जाने का सपना देखा। इस बीच काजल की शादी हो गई, उनके पति आशीष मलिक दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास में नौकरी करते थे, पति ने भी काजल को अपने सपने को पूरा करने में पूरा सहयोग दिया।

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बिना कोचिंग तैयारी
खास बात ये है कि काजल ने यूपीएससी की तैयारी के लिये कोई कोचिंग ज्वाइन नहीं की, घर संभालने के अलावा वो अपने बचे हुए समय में परीक्षा की तैयारी करने लगी, हालांकि नौकरी और शादीशुदा जीवन में तालमेल बनाना आसान नहीं होता, लेकिन काजल ने सभी चीजें संभालते हुए तैयारी जारी रखी। काजल के मुताबिक आईएएस के प्री एक्जाम में लगातार मिल रही असफलताएं ही उनके लिये सफलता का मंत्र बन गया, इन असफलताओं ने उनका हौसला तोड़ा नहीं बल्कि इससे उनके जज्बे में इजाफा हो गया, काजल ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके लिये वक्त की कमी सबसे बड़ी चुनौती थी, लेकिन उनको खुद पर भरोसा था, इसलिये कोचिंग का सहारा ना लेते हुए खुद से पढाई करने का फैसला लिया, ऐसा करने के बावजूद 28वीं रैंक हासिल करने में सफलता पाई।