विकास दुबे एनकाउंटर केस- जांच में पुलिस के खिलाफ नहीं मिला सबूत, कमेटी ने दी क्लीन चिट

2 जुलाई 2020 की रात चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव में दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर विकास दुबे तथा उसके गुर्गों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी, इस शूटआउट में 8 पुलिस वाले शहीद हो गये थे।

New Delhi, Apr 21 : कानपुर के बिकरु गांव में 8 पुलिस वालों की हत्या कर सुर्खियों में आने वाले गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर मामले में यूपी पुलिस को क्लीन चिट दे दी गई है, सूत्रों की मानें तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जस्टिस बीएस चौहान कमेटी ने अपने रिपोर्ट में यूपी पुलिस को क्लीन चिट दी है, 8 महीने की जांच के बाद कमेट को कोई गवाह नहीं मिला, जिससे ये साबित हो सके, कि एनकाउंटर पुलिस की मंशा के अनुरुप और फर्जी था।

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पुलिस वालों से पूछताछ
जांच के दौरान जस्टिस बी एस चौहान ने कई पुलिस वालों से पूछताछ की, लेकिन कमेटी को एक भी पुख्ता सबूत नहीं मिले, Vikas Dubey जिससे ये साबित हो सके, कि एनकाउंटर फर्जी था, सबूतों के अभाव में विकास दुबे एनकाउंटर मामले में पुलिस को क्लीन चिट दे दी गई है।

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पुलिस टीम पर हमला
आपको बता दें कि 2 जुलाई 2020 की रात चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव में दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर विकास दुबे तथा उसके गुर्गों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी, इस शूटआउट में 8 पुलिस वाले शहीद हो गये थे, Vikas constable इसके बाद एक्शन में आई पुलिस ने उसके 4 गुर्गों को मार गिराया था, लेकिन मुख्य आरोपी विकास दुबे फरार चल रहा था।

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मंदिर में सरेंडर
9 जुलाई को विकास दुबे ने बड़े ही नाटकीय ढंग से उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर में सरेंडर किया था, इसके बाद उज्जैन से यूपी लाते समय पुलिस की गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे पुलिस की पिस्टल लेकर भागा था, vikas dubey1 जिसके बाद पीछा करने पर उसने पुलिस पर फायरिंग की थी, पुलिस ने जवाबी फायरिंग में विकास को मार गिराया था, न्यायिक जांच में इस मुठभेड़ को सही माना गया है।