एक ऐसा झूठ जिसने परिवार के छह लोगों को दस दिन में कोरोना से ठीक कर दिया
झूठ बोलना पाप है, लेकिन उसी झूठ से किसी का भला हो जाए तो वो सौ सच से कम नहीं । कुछ ऐसा ही किया एक युवक ने, जानें क्या है पूरा मामला ।
New Delhi, Apr 24: उत्तर प्रदेश, गोरखपुर के बरगदवा विकास नगर के रहने वाले एक युवक ने अपने एक झूठ से पूरे परिवार को कोरोना के डर से बचा लिया । दरअसल यहां रहने वाले देवांश नाम के युवक के माता-पिता और बड़े भाई में जब कोरोना के लक्षण दिखे तो उसने उनका 9 अप्रैल को एंटीजन टेस्ट कराकर सभी को घर भेज दिया । बाद में रिपोर्ट खुद रख ली, दरअसल तीनो ही कोरोना पॉजिटिव आए थे। देवांश जानता था कि संक्रमण की खबर लगते ही सभी पैनिक हो जाएंगे, ऐसे में उसने डॉक्टर से सम्पर्क कर तीनों के लिए दवाइयों के पैकेट बनवा लिए ।
घर पहुंच कर कहा, रिपोर्ट नेगेटिव है
देवांश ने घर पहुंचकर परिवार को बताया कि घबराने की बात नहीं है, सभी की रिपोर्ट निगेटिव है। लेकिन, कुछ लक्षण हैं इसलिए संक्रमण कहीं और ना फैले इसके लिए एहतिहातन डॉक्टर ने ये दवाइयां दी हैं जिसे नियमित रूप से खाना है। साथ ही सभी को कम से कम 10 दिन आईसोलेट भी रहना है। किसी से मिलने-जुलने की जरूरत नहीं है। सुबह शाम भाप लेना है और गर्म पानी पीना है। परिजनों को यह बात बताकर देवांश खुद भी दूसरे कमरे में आइसोलेट हो गए, उनकी खुद की रिपोर्ट नेगेटिव थी।
बीमारी को लेकर दहशत
देवांश ने इस बारे में बताया कि उनके माता-पिता कोरोना का नाम सुनते ही कांप जाते थे, इस बीमारी को लेकर उनमें काफी दहशत है । इसी वजह से उन्होंने घर में किसी को रिपोर्ट पॉजिटिव आने की बात नहीं की । ऐसे में वो मानसिक रूप से परेशान नहीं हुए, झूठ बोलने का नतीजा रहा कि सभी आइसोलेशन में आराम से रह रहे थे। कुछ लक्षण जरूर रहे, लेकिन उससे उन्हें कोई खास तकलीफ नहीं हुई । नतीजा रहा कि महज 10 दिन के अंदर ही सभी नेगेटिव हो गए और आज पूरी तरह से स्वस्थ हैं। देवांश ने बताया कि उनके मां-पिता को थोड़ी कमजोरी जरूर है, लेकिन वो भी ठीक हो जाएगी ।
जब झूठ का पता लगा
देवांश ने आगे बताया कि जब 18 अप्रैल को दोबारा जांच में तीनों निगेटिव आए, तब उन्होंने बड़े भाई को सच्चाई बता दी । पहले तो वह चौंक गए, लेकिन कुछ देर बार सभी ठहाके मार के हंसने लगे। देवांश ने कहा कि उन्हें अपने भाई की हंसी आजीवन याद रहेगी । भाई ने उन्हें ये भी कहा कि एक झूठ ने कोरोना को हराया और एक सच ने चेहरे पर मुस्कान ला दी।