कोई भी अस्पताल कोरोना मरीजों के इलाज से नहीं कर सकता इंकार, एक्शन में सीएम योगी

सीएम ने मीटिंग में कहा कि पिछले 24 घंटों में प्रदेश में 35,614 नये कोरोना केस सामने आये हैं, जबकि 25,633 लोग इलाज के बाद डिस्चार्ज हुए हैं, प्रदेश में अब तक 7.77 लाख से ज्यादा लोग कोरोना के संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं।

New Delhi, Apr 25 : बढते कोरोना केसेज और ऑक्सीजन की कमी के बीच रविवार को एक बार फिर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 प्रबंधन के लिये गठित टीम के साथ समीक्षा बैठक की, इस मीटिंग ने सीएम ने स्पष्ट निर्देश दिया कि कोई भी अस्पताल फिर चाहे वो निजी हो या फिर सरकारी, मरीजों के इलाज से इंकार नहीं कर सकता, सीएम ने अधिकारियों को इस संबंध में जरुरी निर्देश देते हुए कहा कि सुनिश्चित किया जाए कि जिसे भी अस्पताल में भर्ती करने की जरुरत हो, उसे बेड मिले।

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मीटिंग में क्या कहा
सीएम ने मीटिंग में कहा कि पिछले 24 घंटों में प्रदेश में 35,614 नये कोरोना केस सामने आये हैं, जबकि 25,633 लोग इलाज के बाद डिस्चार्ज हुए हैं, प्रदेश में अब तक 7.77 लाख से ज्यादा लोग कोरोना के संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं, ये सुखद स्थिति दवाई भी-कड़ाई भी के सूत्र को प्रभावी ढंग से अमल में लाने का परिणाम है।

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स्वदेशी कंपनियों को आर्डर
सीएम ने कहा कि 18 साल से ज्यादा आयु के नागरिकों के निःशुल्क टीकाकरण का निर्णय लेने वाला पहला राज्य यूपी है, 1 मई से प्रारंभ हो रहे इस वृहद टीकाकरण अभियान के संबंध में भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक सभी आवश्यक तैयारियां समय से पूरी कर ली जाए, 50-50 लाख डोज का ऑर्डर दोनों स्वदेशी वैक्सीन निर्माता कंपनियों को भेज दिया गया है, vaccine इसके अतिरिक्त भारत सरकार द्वारा वैक्सीन की डोज उपलब्ध करायी जाएगी, इस संबंध में व्यापक कार्ययोजना तैयार कर ली जाए, वैक्सीन वेस्टेज ना हो, ये प्रत्येक दशा में सुनिश्चित करें।

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अस्पतालों में मिले मरीजों का इलाज
सीएम ने कहा कि डीआरडीओ के सहयोग से लखनऊ तथा वाराणसी में स्थापित कराये जा रहे सर्वसुविधायुक्त कोविड अस्पताल अति शीघ्र क्रियाशील हो जाएगा, स्वास्थ्य विभाग संबंधित अधिकारियों से संपर्क स्थापित कर डीआरडीओ को सभी आवश्यक संसाधन मुहैया कराए, इन अस्पतालों के संचालन से प्रदेश के चिकित्सा संसाधन और सुदृढ होंगे, कोई भी निजी या सरकारी अस्पताल किसी भी कोरोना मरीज के उपचार से इंकार नहीं कर सकता, नियम के मुताबिक सरकार इनके उपचार का खर्च उठाएगी, लेकिन मरीज को तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिये। एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव आये लोगों को समुचित इलाज उपलब्ध कराया जाए।