अजित डोभाल का एक फोन कॉल और बदल गया अमेरिका का तेवर, बाइडन को साधने में बड़ी भूमिका
अमेरिका बार-बार भारत के कच्चे माल की मांग को अनसुना कर रहा था, लेकिन एनएसए अजित डोभाल की बातचीत के बाद अब अमेरिका के रुख में सकारात्मकता देखा गया है।
New Delhi, Apr 26 : कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत की मदद के लिये अमेरिका के आगे आने की खबर के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल एक बार फिर से जबरदस्त चर्चा में हैं, भारत के जेम्स बांड की संज्ञा पा चुके डोभाल के एक कॉल से ही अमेरिका ने भारत के लिये वैक्सीन निर्माण के लिये कच्चा माल देने की मांग को स्वीकार कर लिया है, एनएसए अजित डोभाल तथा अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान के बीच फोन पर बातचीत हुई, जिसके बाद अमेरिका की ओर से घोषणा की गई कि ऐसे विशेष कच्चे माल के स्त्रोत की पहचान की गई है, जिसे कोविशील्ड वैक्सीन के निर्माण के लिये भारत को तुरंत मुहैया कराया जा सके, इसके अलावा अमेरिका की ओर से वेंटिलेटर्स समेत दूसरे मेडिकल उपकरण उपलब्ध कराने की घोषणा की गई है।
अमेरिका कर रहा था अनसुना
अमेरिका बार-बार भारत के कच्चे माल की मांग को अनसुना कर रहा था, लेकिन एनएसए अजित डोभाल की बातचीत के बाद अब अमेरिका के रुख में सकारात्मकता देखा गया है, अजित डोभाल और उनके अमेरिकी समकक्ष ने आने वाले दिनों में संपर्क में बने रहने पर भी सहमति जताई, ताकि भारत में कोरोना की दूसरी लहर से निपटा जा सके, डोभाल की बातचीत तथा अमेरिका के बयान के बाद ट्विटर पर एक बार फिर भारत के जेम्स बांड की संज्ञा दी जाने लगी है।
जटिल मसलों को सुलझाते हैं
खास बात ये है कि अजित डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तौर पर पहले भी जटिल मसलों को सुलझा चुके हैं, भारत तथा चीन सीमा विवाद के बीच बर्फ पिघलाने में डोभाल की बड़ी भूमिका रही है, उन्होने ही दोनों देशों के सीमा विवाद को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
कूटनीति से मदद
अब एक बार फिर जब कोरोना की दूसरी लहर में मेडिकल सामाग्री और वैक्सीन निर्माण की कमी से जूझ रहे देश को मदद पहुंचाई है, ये भी माना जा रहा है कि अमेरिका के अलावा सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से भी अजित डोभाल ने बातचीत की है।