मई के पहले हफ्ते के बाद थम जाएगा कोरोना का पीक, जानिये क्या कहता है IIT कानपुर का रिसर्च
आईआईटी कानपुर ने पिछले 7 दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना वायरस को लेकर एक मैथमेटिकल स्टडी की है, जिसके बाद ये निष्कर्ष निकाला गया है कि मई के पहले हफ्ते में कोरोना संक्रमण पीक पर होगा।
New Delhi, Apr 28 : देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से तबाही जारी है, हर दिन 3 लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं, कोरोना के बढते आंकड़ों के बीच वैक्सीनेशन और टेस्टिंग पर जोर दिया जा रहा है, इस बीच कई विशेषज्ञ कह रहे हैं, कि कोरोना का पीक जल्द आने वाला है, एक्सपर्ट्स के मुताबिक मई के पहले ही हफ्ते में कोरोना का पीक आएगा और मामले कम होने लगेंगे।
आईआईटी कानपुर का रिसर्च
आईआईटी कानपुर ने पिछले 7 दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना वायरस को लेकर एक मैथमेटिकल स्टडी की है, जिसके बाद ये निष्कर्ष निकाला गया है कि मई के पहले हफ्ते में कोरोना संक्रमण पीक पर होगा, और फिर उसकी रफ्तार घटने लगेगी, आईआईटी प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल के मुताबिक ये स्टडी गणित विज्ञान के आधार पर की गई है, उन्होने बताया कि भारत की पीक अप्रैल के अंत और मई की शुरुआत में होगी, इसके बाद केस कम होने लगेंगे, ये ग्राफ उन्होने पिछले साल फैले संक्रमण को आधार बनाकर तैयार किया है।
7 दिन तक प्रभावी
उनका मानना है कि ये कोरोना वायरस 7 दिन तक ज्यादा प्रभावी रहेगा, देश के जिन राज्यों में कोरोना वायरस ज्यादा घातक हैं, वहां के केस और वायरस का अध्ययन करते हुए डेट के अनुसार ग्राफ तैयार किया है, हर राज्य के लिये अलग-अलग ग्राफ तैयार करते हुए कोरोना का पीक टाइम बताया है, गणितीय मॉडल के जरिये कोरोना संक्रमण के बढते केस पर जो अध्ययन किया है, उसके मुताबिक 15 मई के आसपास कोरोना के एक्टिव केस 33 से 35 लाख के करीब पहुंच जाएंगे।
कहां पहुंचेगा कोरोना का आंकड़ा
इस सवाल के जवाब में आईआईटी की स्टडी के अनुसार यूपी में 35 हजार केस रोजाना आ सकते हैं, दिल्ली में ये संख्या तीस हजार प्रतिदिन हो सकती है, पश्चिम बंगाल में 11 हजार, राजस्थान में 10 हजार और बिहार में 9 हजार प्रतिदिन के हिसाब से कोरोना केस देखे जा सकते हैं।