कभी बीजेपी के साथ थी ममता बनर्जी, अटल जी की जिद के आगे झुककर बनी थी मंत्री
जब ममता बनर्जी ने रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दिया, तो तत्कालीन पीएम अटल जी ने उन्हें फोन किया और मिलने के लिये दिल्ली बुलाया, इस बात का खुलासा खुद दीदी ने एक इंटरव्यू में किया था।
New Delhi, May 02 : सीएम ममता बनर्जी पिछले दस सालों से पश्चिम बंगाल की सत्ता में काबिज है, साल 2011 में वाम मोर्चा को सत्ता से बेदखल कर सत्ता हथियाने वाली ममता बनर्जी ने यूं ही नहीं प्रदेश की दो बार सीएम रही, इसके लिये उन्होने लंबी लड़ाई लड़ी। जिस बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए सरकार से दीदी की पार्टी की सीधी टक्कर है। एक जमाने में ममता बनर्जी उसी पार्टी की हिस्सा थी, यहीं नहीं उस समय पूर्व पीएम अटल जी और ममता बनर्जी के बीच अच्छी बातचीत थी, एक बार तो वायपेयी जी की जिद के आगे झुककर मंत्री बनी थी, आइये तफ्सील से बताते हैं पूरा मामला।
एनडीए में शामिल
साल 1999 में ममता बनर्जी बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए में शामिल हो गई थी, उन्हें केन्द्रीय रेल मंत्री बनाया गया, 2001 में तहलका विवाद के बाद उन्होने एनडीए सरकार से नाता तोड़ लिया, फिर 2004 में वापस लौटी, तो उन्हें कोयला एवं खनन मंत्रालय के मंत्री पद मिला।
अटल जी ने किया था फोन
जब ममता बनर्जी ने रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दिया, तो तत्कालीन पीएम अटल जी ने उन्हें फोन किया और मिलने के लिये दिल्ली बुलाया, इस बात का खुलासा खुद दीदी ने एक इंटरव्यू में किया था, ममता ने कहा कि जब वो दिल्ली पहुंची, तो अटल जी ने उनसे आग्रह किया, कि इस्तीफा वापस ले लीजिए, अटल जी ने ममता से सरकार में बने रहने के लिये कहा।
अटल जी जिद करने लगे
इस पर ममता बनर्जी ने कहा था कि वो ऐसा नहीं कर सकती, इस पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी जिद करने लगे, उन्होने कहा कि जब तक आप सरकार में वापस आने का फैसला नहीं करतीं, तब तक मैं खाना नहीं खाऊंगा, काफी देर तक मान-मनौव्वल के बाद ममता ने अटल की बात मानी, मंत्री पद स्वीकार कर लिया।