बंगाल चुनाव- राहुल गांधी ने जहां-जहां की रैली, वहां उम्मीदवार की हो गई जमानत जब्त
बंगाल विधानसभा चुनाव के विश्लेषण से पता चलता है कि तीसरे मोर्चे के उम्मीदवार चुनाव में सिर्फ 42 सीटों पर ही जमानत बचा पाये।
New Delhi, May 03 : पश्चिम बंगाल में तीसरा मोर्चा के खाते में सिर्फ 1 सीट आई, उनके पतन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके 85 फीसदी उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा पाये, इतना ही नहीं जिन दो सीटों पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रैली की, वहां भी पार्टी की इज्जत नहीं बची।
42 सीटों पर जमानत बची
बंगाल विधानसभा चुनाव के विश्लेषण से पता चलता है कि तीसरे मोर्चे के उम्मीदवार चुनाव में सिर्फ 42 सीटों पर ही जमानत बचा पाये, सभी 292 सीटों पर लड़ने वाला तीसरे मोर्चे के एक सदस्य भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा (आईएसएफ) ने अन्य दो सहयोगियों कांग्रेस तथा वामदलों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया, कांग्रेस और वामदल के पास अब एक भी सीट नहीं है।
राहुल गांधी की रैली
कांग्रेस के लिये इससे ज्यादा शर्मनाक क्या होगा, कि वो उन दो सीटों माटीगारा-नक्सलबाड़ी और गोलपोखर में भी बुरी तरह हार गई, जहां राहुल गांधी ने 14 अप्रैल को रैली की थी, वहां के उम्मीदवार भी जमानत तक नहीं बचा सके, कांग्रेस एक दशक तक इन दोनों सीटों पर काबिज रही, लेकिन मौजूदा विधायक शंकर मालाकार इस बार सिर्फ 9 फीसदी वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे, गोलपोखर में भी कांग्रेस उम्मीदवार को सिर्फ 12 फीसदी वोट मिला, साल 2006 से 2009 तक तथा 2011 से 2016 तक इस सीट पर कांग्रेस का राज रहा।
तीनों दलों का अलग-अलग विश्लेषण
तीन सहयोगी दलों का अलग-अलग विश्लेषण करें, तो पाएंगे कि वामपंथी 170 सीटों में से सिर्फ 21 सीट पर अपनी जमानत बचा सके, 90 में से 11 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों की जमानत बची, 30 में से 10 सीटों पर आईएसएफ के उम्मीदवारों की जमानत बची, आईएसएफ ने 1 सीट जीती, 4 में दूसरे स्थान पर रही, सभी चार निर्वाचन क्षेत्रों में आईएसएफ ने बीजेपी को तीसरे नंबर पर धकेल दिया, इससे पता चलता है कि थर्ड फ्रंट में फुरफुरा शरीफ के मौलवी अब्बास सिद्दीकी की नई पार्टी ही लोगों के लिये आकर्षण का केन्द्र था।