पति मजदूर, घर के नाम पर झोपड़ी, 3 बकरी-3 गाय की संपत्ति,  चर्चा में है BJP MLA चंदना बाउरी की जीत

पश्चिम बंगाल चुनाव के परिणाम आ गए हैं, टीएमसी ने धुंआधार जीत हासिल की है । लेकिन बीजेपी की नवनिर्वाचित विधायक चंदना बाउरी क्‍यों चर्चा में हैं, आगे पढ़ें ।

New Delhi, May 03: पश्चिम बंगाल चुनाव परिणाम टीएमसी के पक्ष में रहे, बीजेपी की दिन रात कोशिश पार्टी को 100 के आंकड़े तक भी नहीं ले जा सकी । बहरहाल, भारतीय जनता पार्टी भले हार गई हो लेकिन बीजेपी की एक महिला उम्मीदवार की जीत की चर्चा हर तरफ हो रही है । इस महिला की उम्‍मीदवारी पहले से ही चर्चा में थी, लेकिन ये चुनाव मैदान में बीजेपी का भगवा थामे सबसे आगे निकल जाएंगी ये हैरान करने वाला रहा । कौन है ये महिला आगे पढ़ें ।

Advertisement

चंदना बाउरी है नाम
दरअसल इस नवनिर्वाचित महिला विधायक का नाम है चंदना बाउरी, जिन्‍होंने बीजेपी के टिकट पर सालतोरा सीट से चुनाव लड़ा और टीएमसी के मजबूत उम्मीदवार संतोष मंडल को हरा दिया । चंदना की जीत से ज्यादा चर्चा उनकी सादगी और आर्थिक स्थिति की हो रही है । चंदना की माली स्थिति बहुत अच्‍छी नहीं है, लेकिन समाज के लिए काम करने का जज्‍बा उनमें कूछ कूट कर भरा है ।

Advertisement

बीजेपी की ओर से ट्वीट
बीजेपी नेता सुनील देवधर ने ट्वीट कर जानकारी दी, बताया कि चंदना बाउरी की उम्र भर की जमा पूंजी केवल 31985 रुपये हैं । वह घर के नाम पर एक झोपड़ी में रहती हैं । चंदना एक गरीब दिहाड़ी मज़दूर की पत्नी हैं, चंदना अनुसूचित जाति से आती हैं । उनके पास 3 बकरियां व 3 गाय हैं । उन्‍होंने लिखा कि चंदना का स्‍वागत करें ।

Advertisement

चंदना बाउरी की संपत्ति
चंदना ने अपना नामांकन भरते समय चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में जानकारी दी थी कि उनके खुद के बैंक खाते में सिर्फ 6335 रुपये हैं । उनके पति के खाते में महज 1561 रुपये जमा हैं । शपथपत्र में दी गई जानकारी के मुताबिक उनकी कुल अचल संपत्ति 31985 रुपये है जबकि उनके पति श्रवण की कुल अचल संपत्ति 30311 रुपये हैं । उनके पति के पास किसी तरह की कृषि भूमि नहीं है, वह एक दिहाड़ी मजदूर हैं और मजदूरी से ही अपना घर चलाते हैं । चंदना खुद भी मजूदरी के दौरान अपने पति का हाथ बंटाती हैं । चंदना ने 12वीं तक शिक्षा प्राप्‍त की है, जबकि उनके पति सिर्फ आठवीं पास हैं । पति पत्नी दोनों का मनरेगा कार्ड बना हुआ हे । पिछले साल उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 60 हजार की पहली किश्त भी मिली थी, जिससे उन्होंने अपना घर पक्का किया था ।