लगातार तीसरी बार ममता बनर्जी ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, जानिये राजनीतिक करियर
ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे के खिलाफ जबरदस्त संघर्ष किया, और 2011 में बंगाल में 34 साल लंबे कम्युनिस्ट शासन को उखाड़ फेंका।
New Delhi, May 05 : पश्चिम बंगाल में टीएमसी द्वारा प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद आज टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राजभवन में ममता दीदी को मुख्यमंत्री के तौर पर पद तथा गोपनीयता की शपथ दिलाई, शपथ लेने के बाद ममता दीदी ने बंगाल में हो रही हिंसा को लेकर भी चुप्पी तोड़ी, उन्होने कहा राजनीतिक पार्टियों से अपील, शांति बनाये रखें, बंगाल को अशांति पसंद नहीं, अगर कोई अशांति करता है, तो हम कार्रवाई करेंगे।
राजनीतिक सफर
ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे के खिलाफ जबरदस्त संघर्ष किया, और 2011 में बंगाल में 34 साल लंबे कम्युनिस्ट शासन को उखाड़ फेंका, एक समय था, जब प्रदेश में वाम दलों की हार अकल्पनीय थी, लेकिन ममता दीदी ने वाम दलों का अस्तित्व ही मिटा दिया, नतीजा 2021 विधानसभा चुनाव में वामदलों का खाता तक नहीं खुला।
दो बार रेलमंत्री
5 जनवरी 1955 को कोलकाता में जन्म लेने वाली टीएमसी सुप्रीमो दो बार केन्द्रीय रेल मंत्री रह चुकी हैं, ममता का सक्रिय राजनीतिक सफर साल 1970 में शुरु हुआ, जब वो कांग्रेस पार्टी से जुड़ी, 1976 से 1980 तक वो महिला कांग्रेस की महासचिव रहीं, 1984 में ममनता ने सीपीएम के वरिष्ठ नेता सोमनाथ चटर्जी को जादवपुर लोकसभा सीट पर हराया था।
कांग्रेस छोड़ अलग पार्टी
ममता बनर्जी ने अप्रैल 1996-97 में कांग्रेस पर बंगाल में सीपीएम की कठपुतली होने का आरोप लगाया, तथा 1997 में कांग्रेस से अलग हो गई, इसके 1 साल बाद 1 जनवरी 1998 को टीएमसी गठन की घोषणा की, वो पार्टी की अध्यक्ष बनीं, 1998 लोकसभा चुनाव में टीएमसी ने 8 सीटों पर जीत हासिल की, फिर 2011 में प्रदेश में पहली बार सरकार बनाने में सफल रही, अब लगातार तीसरी बार बंगाल में टीएमसी की सरकार बनी है।