कोरोना की तीसरी लहर, अब हमारे बच्चों पर मंडरा रहा खतरा, जानें कब आएगी वैक्सीन
कोरोना की दूसरी लहर से देश में हाहाकार मचा हुआ है, और अब तीसरी लहर की संभावनाओं ने सबको डरा दिया है । लेकिन डरे नहीं, ये करें ।
New Delhi, May 07: कोरोना वायरस संक्रमण से शुरू हुई महामारी से पूरा भारत त्राहि त्राहि कर रहा है । संक्रमण की दूसरी लहर देश के घातक साबित हो रही है, इस लहर में अब तक कई परिवार अपने करीबियों को खो चुके हैं, हालात अब भी नियंत्रण से बाहर हैं । लेकिन इस बीच तीसरी लहर की खबर ने सबको सकते में डाल दिया है, इस लहर में सबसे ज्यादा खतरा हमारे बच्चों को बताया गया है । दूसरी लहर से हम नहीं बच सके क्योंकि ज्यादातर बेफिक्र रहे, लापरवाह रहे । लेकिन तीसरी लहर में ऐसी बेफिक्री भारी पड़ सकती है, डरने की जरूरत नहीं है लेकिन सतर्क रहने की जरूरत जरूर है ।
इस एज ग्रुप को है खतरा
साल 2020 में जब कोरोना की पहली लहर आई तो इसका शिकार अधिकतर 50 साल से ऊपर के लोग और सीनियर सिटीजंस हुए, वहीं 2021 की दूसरी लहर में 31 से 50 साल की एज ग्रुप के लोगों को ज़्यादा निशाना बनाया । अब तीसरी लहर में बच्चों को लेकर बहुत चिंता जताई जा रही है, तीसरी लहर में 6 से 12 साल के बच्चों को ज़्यादा खतरा बताया जा रहा है ।
सरकारों ने शुरू की तैयारी
तीसरी लहर को लेकर महाराष्ट्र सरकार सबसे पहले चेती है, यहां जुलाई से सितंबर तक तीसरी लहर आने की बात कही गई है । महाराष्ट्र में अभी से पीडिएट्रिक कोविड केयर वार्ड बनाने की तैयारी शुरू हो गई है, हर जिले के कलेक्टर और नगर पालिका को निर्देश दे दिए गए हैं । महाराष्ट्र की ही तरतरह हर राज्य में ये तैयारी अभी से शुरू हो जानी चाहिए । क्योंकि तीसरी लहर कब आएगी और कैसे किसको निशाना बनाएगी, ये कोई नहीं कह सकता ।
वैक्सीन की अपडेट
देश में वैक्सीनेशन का दौर भी जारी है, फिलहाल मिले आंकड़ों में देश में 45 साल से ऊपर की कुल आबादी में 31% लोगों को पहला टीका लग चुका है, 18 से 44 साल की उम्र के लोगों के लिए भी एक मई से वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है । हालांकि कई राज्यों में टीके की उपलब्धता ना होने के कारण अभी 18 से ऊपर के लोगों को इंजेक्शन लगना शुरू नहीं हुआ है । आपको बता दें अभी 18 से कम उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीन नहीं बनी है, इसलिए कोरोना की आने वाली लहर में अब उन्हें बड़ा खतरा है, जिनका वैक्सीनेशन नहीं हुआ है ।
बच्चों के लिए खतरा
देश की कुल आबादी का 30 फसदी हिस्सा 18 से कम आयु के बच्चों का है, इस आबादी में वायरस से लड़ने वाली हर्ड इम्यूनिटी तब तक तैयार नहीं हो सकती, जब तक इनका वैक्सीनेशन नहीं होता । ऐसे में बहुत संभावना है कि बच्चे ही इंफेक्शन के कैरियर बन जाएंगे और दूसरों को संक्रमित करेंगे । अब सवाल यही है कि बच्चों के लिए वैक्सीन कब तक बन सकती है, अनुमान है कि बच्चों के लिए अगले 3 महीनों में वैक्सीन तैयार हो सकती है । एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ऐसी वैक्सीन के पीडिएट्रिक ट्रायल में ज़्यादा वक्त नहीं लगेगा। इसके लिए को-वैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के पास अप्लीकेशन भी दे चुकी है, जिसे जल्द ही ट्रायल की मंज़ूरी भी मिल सकती है।