सेकेंड्स में आएंगे कोरोना जांच के नतीजे, अंबानी की कंपनी ने की बड़ी डील, इजरायल से आएंगे एक्सपर्ट

इस प्रणाली के उपकरण भारत आ चुके हैं, लेकिन इसकी स्थापना के लिये इजरायल से एक्सपर्ट बुलाने पड़ेंगे, ये एक्सपर्ट इन्स्टॉल करने के अलावा भारतीयों को ट्रेनिंग भी देंगे।

New Delhi, May 07 : मशीन के अंदर फूंक मारते ही सेकेंड में पता चल जाएगा कि व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है या निगेटिव, ये प्रणाली मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडिया लिमिटेड ने डेढ करोड़ डॉलर में खरीद ली है, ये प्रणाली एक इजरायली स्टार्टअप ने विकसित की है, प्रणाली की स्थापना और भारतीयों को ट्रेनिंग देने के लिये इजरायली एक्सपर्ट्स को भारत बुलाया जाना है, इसके लिये रिलायंस ने भारत सरकार से अनुमति मांगी है, रिलायंस ने ये डील जनवरी में उस समय की थी, जब कोरोना शांत सा था।

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भारत आ चुका है उपकरण
इस प्रणाली के उपकरण भारत आ चुके हैं, लेकिन इसकी स्थापना के लिये इजरायल से एक्सपर्ट बुलाने पड़ेंगे, ये एक्सपर्ट इन्स्टॉल करने के अलावा भारतीयों को ट्रेनिंग भी देंगे, इजरायली एक्सपर्ट्स के आने में थोड़ा उलझन इसलिये है, corona क्योंकि इजरायल ने कोरोना काल में जिल देशों से उड़ानें बंद कर रखी है, उनमें भारत भी है, संभवतः इन एक्सपर्ट्स को लाने के लिये भारत सरकार या रिलायंस को खुद इंतजाम करना होगा।

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रिलायंस की डील
इस प्रणाली तथा उपकरण बनाने वाली कंपनी का नाम ब्रेथ ऑफ हेल्थ हैं, दोनों कंपनियों के बीच हुई डील के मुताबिक रिलायंस डेढ करोड़ डॉलर में कोविड जांच सिस्टम की सैकड़ों किट खरीदेगा, mukesh-ambani फिर इन किट्स से दसियों लाख लोगों के कोविड संक्रमण की जांच हो सकेगी, इसकी जांच की लागत 1 करोड़ डॉलर प्रतिमाह आएगी, अस प्रणाली की सबसे बढिया बात जांच में आसानी है, जैसे ट्रैफिक वाले ब्रेथ एनालाइजर में फूंक मरवा कर दारुबाजों को पकड़ते हैं, वैसे ही इस प्रणाली में भी एक फूंक मारते ही कुछ सेकेंड के भीतर मालूम पड़ जाएगा, कि कोरोना संक्रमण है या नहीं।

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तीसरी लहर के लिये तैयारी
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि देश को कोविड-19 की तीसरी लहर के लिये तैयार रहने की जरुरत है, जिसके बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि ये अधिक खतरनाक हो सकती है, खासकर बच्चों के लिये, इसने ऑक्सीजन का बफर स्टॉक तैयार किये जाने पर जोर दिया, इसने केन्द्र से कहा कि वो अगले आदेशों तक दिल्ली की 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आपूर्ति में कमी ना करें, तथा समूचे देश की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए तैयारी करे।