दामाद शव छोड़कर भागा, जिस भाई को जमीन के लिये 8 साल कोर्ट में घसीटा, उसी ने दी मुखाग्नि

घटना नरसिंहपुर जिले की है, जहां के लोलरी गांव के रहने वाले मुन्नू पटेल का अपने छोटे भाई किशन पटेल के साथ जमीन विवाद चल रहा था, इस विवाद के चलते बड़े भाई ने किशन को कोर्ट में भी घसीटा, पिछले 8 साल से ये मामला चल रहा है।

New Delhi, May 13 : रिश्तों में चाहे कितनी भी खटास क्यों ना आ जाए, लेकिन अपने तो आखिर अपने होते हैं, इस कहावत को एक छोटे भाई से सच कर दिया है, दरअसल दोनों भाइयों के बीच जमीन के एक टुकड़े को लेकर विवाद चला, मामला कोर्ट तक पहुंचा, लेकिन जब बड़े भाई की कोरोना से मौत हो गई, तो छोटे भाई ने ना सिर्फ पार्थिव शरीर को कंधा दिया, बल्कि मुखाग्नि देकर रिश्तों की अहमियत बताई।

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क्या है मामला
घटना नरसिंहपुर जिले की है, जहां के लोलरी गांव के रहने वाले मुन्नू पटेल का अपने छोटे भाई किशन पटेल के साथ जमीन विवाद चल रहा था, इस विवाद के चलते बड़े भाई ने किशन को कोर्ट में भी घसीटा, पिछले 8 साल से ये मामला चल रहा है, मुन्नू पटेल की कोई बेटा नहीं था, इसलिये वो अपनी बेटी और दामाद के साथ ही रहते थे, इस दौरान मुन्नू पटेल ने अपनी सारी जायदाद अपने दामाद के नाम पर कर दी थी, बीते दिनों मुन्नू पटेल कोरोना की चपेट में आ गये, तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दामाद भी उनके साथ थे, इस दौरान मुन्नू पटेल की तबीयत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई।

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दामाद गायब
हैरानी की बात ये है कि जिस दामाद के नाम मुन्नू पटेल ने अपनी पूरी जायदाद कर दी थी, वो दामाद मुन्नू के शव को श्मशान घाट ले जाने के बजाय अस्पताल से चुपचाप गायब हो गया, जिसके बाद अस्पताल ने शव को लावारिस जानकर उसके अंतिम संस्कार की तैयारी शुरु कर दी, तभी मुन्नू के छोटे भाई किशन को अपने भाई की मौत की जानकारी मिली, इस पर वो सबकुछ भूलकर तुरंत पहुंचे और भाई का अंतिम संस्कार करवाया, उन्हें मुखाग्नि दी।

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अपना फर्ज निभाया
किशन ने कहा कि एक जमीन के टुकड़े के लिये बीते 8 साल से भाई से विवाद था, मेरा भाई मुझे अपना दुश्मन मानता था, अपने दामाद के पास ही रहता था, उसे बेटे से भी बढकर मानता था, जैसे ही मुझे भाई के निधन का जानकारी मिंली, मैं दौड़ा चला आया, किशन ने कहा कि जब भाई ही नहीं है, तो दुश्मनी किस बात की, मैंने अपना फर्ज निभाया है।