कौन है अंशुल दीक्षित, जिसने चित्रकूट जेल में खेला खूनी खेल, गोरखपुर कनेक्शन भी जानिये

एसटीएफ की पूछताछ में अंशुल ने स्वीकार किया था कि वो सीतापुर के एमएलसी भरत त्रिपाठी तथा उनके बेटे परीक्षित त्रिपाठी की हत्या के लिये साथियों की तलाश करने के लिये गोरखपुर आया था।

New Delhi, May 14 : चित्रकूट जेल में गोली मारकर कैदी की हत्या करने के आरोपी अंशुल दीक्षित को 2014 में यूपी एसटीएफ ने दबोचा था, तब उसे सीएमओ विनोद आर्या के बहुचर्चित हत्याकांड का आरोपी शूटर अंशुल दीक्षित को गोरखनाथ थाना क्षेत्र के 10 नंबर बोरिंग से मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था, उसके खिलाफ लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्र नेता विनोद त्रिपाठी की भी हत्या का आरोप है, बदमाशा पर जीआरपी सीतापुर ने 5000 तथा एमपी पुलिस ने 10 हजार का इनाम घोषित किया था।

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एमएलसी की हत्या का प्लान
तब एसटीएफ ने बदमाश के कब्जे से एक पिस्टल, एक तमंचा, गोली और फर्जी आईडी प्रूफ बरामद किया था, एसटीएफ की पूछताछ में अंशुल ने स्वीकार किया था कि firing वो सीतापुर के एमएलसी भरत त्रिपाठी तथा उनके बेटे परीक्षित त्रिपाठी की हत्या के लिये साथियों की तलाश करने के लिये गोरखपुर आया था, अंशुल द्वारा की गई फायरिंग में सीओ एसटीएफ विकास चंद्र त्रिपाठी, कांस्टेबल अनूप कुमार, एसआई सत्य प्रकाश सिंह तथा हेड कांस्टेबल भानू प्रताप सिंह बाल-बाल बचे थे।

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पर्स में क्या मिला
पुलिस टीम ने तलाशी के दौरान एक पिस्टल, 4 खोखा, 2 गोली, एक तमंचा, 1 खोखा और तीन कारतूस बरामद किया था, पुलिस को बदमाश ने अपना नाम अंशु उर्फ सुमित दीक्षित पुत्र जगदीश प्रसाद दीक्षित कुड़राबनी थाना मानपुर जिला सीतापुर बताया था, अंशु के पास से लिवाइस का पर्स मिला था, जिसमें एसबीआई का वीसा कार्ड था, जिस पर पूजा नाम अंकित था, उसका नंबर 4591510105489830 अंकित था।

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फर्जी आईडी
एक ग्रीन कार्ड भी मिला था, जिस पर आदित्य मिश्रा पुत्र जगदीश मिश्रा मकान संख्या 24 रामनाथ देवरिया अंकित है, एक आधार कार्ड जिस पर आदित्य मिश्रा निवासी 299/2 ए साकेत नगर टुजुर, भोपाल, मध्य प्रदेश लिखा है, इसके अतिरिक्त पिपराइच के उनवल दोयम गांव के पते पर आदित्य मिश्रा पुत्र जगदीश मिश्रा के नाम पर वोटर आईडी कार्ड मिसला है, सभी पर अंशु दीक्षित की ही तस्वीर लगी थी।