मेरा काम टैक्स देना, मदद करना सरकार की जिम्मेदारी, कुमार विश्वास का बड़ा बयान

कुमार विश्वास इतने में ही नहीं, वो बोले चलते हुए युद्ध में सेनापति की आलोचना करने में युद्ध नहीं जीता जाता, इसलिये मैं ये नहीं कह रहा कि मेरे सेनापति ने खराब व्यूह रचनाएं की।

New Delhi, May 15 : रॉकस्टार कवि कुमार विश्वास कोरोना महामारी के दौरान कई और लोगों की तरह सोशल मीडिया के जरिये लोगों की मदद कर रहे हैं, वो गांवों में सैनिटाइजर, मास्क तथा जरुरी दवाएं आदि पहुंचा रहे हैं, और ग्रामीणों को जागरुक भी कर रहे हैं, लेकिन इस बीच केन्द्र की मोदी सरकार पर गुस्सा भी जाहिर किया है, उनका कहना है कि लोगों की मदद करना उनका काम नहीं था, बल्कि निर्वाचित सरकारों का था, उनका काम सिर्फ टैक्स देना था, कविता पढना था, लेकिन सरकार की नाकामी के कारण उन्हें लोगो को खुद बचाने के आगे आना पड़ा है।

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मेरी जिम्मेदारी नहीं
रिपब्लिक टीवी के डिबेट शो पूछता है भारत पर एंकर ऐश्वर्य कपूर ने उनसे पूछा कि गांव में महामारी फैल रही है, जिसके बचाने की जिम्मेदारी हमारी आपकी ही है ना, उनकी इस बात पर टोकते हुए कविराज ने कहा, kumar vishwas (1) नहीं, नहीं ये मेरी जिम्मेदारी नहीं थी, आपकी जिम्मेदारी नहीं थी, आपका काम न्यूज बनाना था, मेरा काम कविता लिखना था, मेरा आपका सिर्फ एक काम है टैक्स देना।

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सरकार का काम
उन्होने आगे कहा कि टैक्स के बाद सारा काम निर्वाचित सरकारों के हैं, मेरा बूछ सबसे मजबूत कहने वाले लोग और एक-एक जगह पर पोलिंग एजेंट बिठाकर एक-एक वोट पर लड़ पड़ने वाले लोग कहां चले गये, kumar vishwas वो क्यों नहीं अपने लोगों से कहते हैं कि एक भी गली में कोरोना पीड़ित नहीं होना चाहिये, हम दुर्भाग्यशाली हैं कि हमारा अभिभावक भाग गया है।

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क्या कहा
कुमार विश्वास इतने में ही नहीं, वो बोले चलते हुए युद्ध में सेनापति की आलोचना करने में युद्ध नहीं जीता जाता, इसलिये मैं ये नहीं कह रहा कि मेरे सेनापति ने खराब व्यूह रचनाएं की, मेरे सेनापति एक-दूसरे पर ऑक्सीजन का संकट डालते रहे, Kumar Vishwas61 मेरे सेनापति ने दवाई नहीं दी, मुझे तो मेरे लोग बचाने हैं। आपको बता दें कि भारत में अभी हर रोज साढे तीन लाख के करीब कोरोना के नये मामले दर्ज हो रहे हैं, हालांकि अब कई राज्यों में संक्रमण दर में गिरावट देखने को मिल रही है, वैक्सीनेशन कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है, लेकिन वैक्सीन कम होनी की वजह से इसकी गति भी धीमी है, जिसे लेकर भी केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार कटघरे में हैं।