कोरोना के साथ बढ़ा ब्‍लैक फंगस का खतरा, आंख-नाक-जबड़े पर अटैक, जानें लक्षण और बचने के तरीके

कोरोना से तबाही के बीच ब्‍लैक फंगस का खतरा तेजी से बढ़ रहा है । क्‍या है ये बीमारी, और इसके लक्षण क्‍या हैं आगे पढ़ें ।

New Delhi, May 15: देश में कोरोना का खतरा टला नहीं है और अब म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है । हालात ये हैं कि इस बीमारी से मरने वालों की संख्‍या भी तेजी से बढ़ रही है । ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने लोगों को ब्लैक फंगस के शुरुआती लक्षणों की पहचान कर इससे बचने की सलाह दी है, जो कि मुख्यतौर पर महाराष्ट्र में कई मरीजों में देखे गए हैं । इस बीमारी को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए हर्षवर्धन ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट शेयर की है ।

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क्या है म्यूकरमाइकोसिस?
दरअसल म्यूकरमाइकोसिस एक ऐसा फंगल इंफेक्शन है जिसे कोरोना वायरस ट्रिगर करता है । कोविड-19 टास्क फोर्स के एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये उन लोगों में आसानी से फैल जाता है जो पहले से किसी ना किसी बीमारी से जूझ रहे हैं और जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है ।
इन लोगों को खतरा
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, कुछ खास कंडीशन में ही कोरोना मरीजों में म्यूकरमाइकोसिस का खतरा बढ़ता है । वो लोग जो अनियंत्रित डायबिटीज से जूझ रहे हैं, स्टेरॉयड की वजह से कमजोर इम्यूनिटी की चपेट में हैं, लंबे समय तक आईसीयू या अस्पताल में दाखिल रहे हैं, किसी अन्य बीमारी से ग्रसित हैं, पोस्ट ऑर्गेन ट्रांसप्लांट, कैंसर या वोरिकोनाजोल थैरेपी के मामलों में ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ सकता है ।

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ये हैं लक्षण
ब्लैक फंगस के मरीजों में मुख्य रूप से कई तरह के लक्षण देखे जा रहे हैं । आंखों में लाली आना, दर्द होना, बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस में तकलीफ, उल्टी में खून या मानसिक स्थिति में बदलाव होना इसके लक्षण हैं । ये नजर आएं तो लापरवाही ना करें ।
ऐसे करता है हमला
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हवा में फैले रोगाणुओं के संपर्क में आने से कोई व्यक्ति फंगल इंफेक्शन का शिकार हो सकता है, ब्लैक फंगस मरीज की स्किन पर भी विकसित हो सकता है । स्किन पर चोट, रगड़ या जले हुए हिस्सों से ये शरीर में दाखिल हो सकता है ।
कैसे बचें
ब्लैक फंगस से बचने के लिए धूल वाली जगहों पर ना जाएं, जाएं तो मास्क पहनकर रहें । मिट्टी, काई या खाद जैसी चीजों के नजदीक जाते वक्त जूते, ग्लव्स, फु स्लीव्स शर्ट और ट्राउजर पहनें । साफ-सफाई का बहुत ध्‍यान रखें ।
ऐसे करें बचाव
डायबिटीज के वो मरीज जिन्‍हें कोविड 19 हो चुका है, इससे रिकवरी के बाद भी ब्लड ग्लूकोज का लेवल मॉनिटर करते रहें । स्टेरॉयड का इस्तेमाल सिर्फ डॉक्टर्स की सलाह पर ही करें । ऑक्सीजन थैरेपी के दौरान ह्यूमिडिटीफायर के लिए साफ पानी का ही इस्तेमाल करें । इसके साथ ही एंटीबायोटिक्स या एंटीफंगल दवाओं का इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर ही करें ।

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क्या न करें
ब्लैक फंगस से बचने के लिए इसके लक्षणों को बिल्कुल नजरअंदाज न करें, खास तौर पर कोविड मरीज या इससे रिकवर हुए मरीज । क्योंकि कई मामलों में फंगल इंफेक्शन रिकवरी के एक सप्ताह या महीनेभर बाद भी उभरते देखा गया है । डॉक्‍टरों को भी खास एहतियात बरतने की जररूत बताई गई है । आपको बता दें कि म्यूकरमाइकोसिस के मामले अब महाराष्ट्र के अलावा दूसरे राज्यों में भी मिलने लगे हैं । इस समय गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़, झारखंड और राजस्थान में ब्लैक फंगस के मामले देखे जा रहे हैं, ये फंगस मरीज की आंख, नाक की हड्डी और जबड़े को भी बहुत नुकसान पहुंचा सकता है ।