इजरायल-फिलिस्तीन के बीच जंग पर क्या बोल रहा है चीन, अमेरिका के लिये कही ऐसी बात

ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि अमेरिका का बाइडन प्रशासन मानवाधिकारों की रक्षा किये जाने के अपने रुख से पलट रहा है, अमेरिका का ये रुख फिलिस्तिनियों के मानवाधिकारों के प्रति उदासीनता को दिखाता है।

New Delhi, May 19 : अमेरिका मुस्लिमों के मानवाधिकारों को लेकर चीन को लगातार घेरता रहा है, लेकिन अब इजरायल-फिलिस्तीन के बीच चल रहे संघर्ष ने चीन को अमेरिका के खिलाफ बोलने का मौका दे दिया है, चीन लगातार खुद को मुस्लिम हितैषी और मानवाधिकारों का रक्षक बताने वाले अमेरिका पर सवाल खड़े कर रहा है, फिलिस्तीन के मुस्लिमों के सवालों पर चीन कह रहा है कि अमेरिका को अपना स्टैंड साफ करना चाहिये, फिलिस्तीन मुस्लिमों की जान की भी उतनी ही कीमत है, जितनी बाकी देशों के मुसलमानों की, चीन इस महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहा है, इजरायल-फिलिस्तीन के बीच संघर्ष विराम तथा जारी हिंसा की नविंदा को लेकर परिषद में 3 बार साझा बयान जारी कराने की कोशिश कर चुका है।

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सहमति बनाने में विफल
दरअसल इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष पर हुई आपातकालीन बैठक में सुरक्षा परिषद के सदस्य देश कोई सहमति बनाने पर विफल रहे, ये तीसरा बार था, जब अमेरिका ने सुरक्षा परिषद को हयान जारी करने से रोक दिया, संयुक्त राष्ट्र के बयान के समर्थन करने वाले अमेरिका के कुछ सहयोगी देश भी शामिल हैं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठकों में इजरायल का बचाव करने को लेकर चीन का विदेश मंत्रालय लगातार अमेरिका को आड़े हाथों ले रहा है।

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वैश्विक आक्रोश
फिलिस्तीनियों पर इजरायली हमले को लेकर चीन ने अमेरिका से अपना रुख साफ करने को कहा है, चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने सोमवार को इसी विषय पर अपनी संपादकीय प्रकाशित की, अखबार में प्रकाशित विचार को चीन का आधिकारिक बयान माना जाता है, इसमें कहा गया है कि दोनों पक्षों के बीच ये संघर्ष क्यों शुरु हुआ, इसे लेकर तमाम बातें की जा रही है, लेकिन फिलिस्तीनियों की हत्या ने वैश्विक आक्रोश पैदा कर दिया है, इजरायल का अमेरिकी पक्षपात मानवता के खिलाफ है।

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अमेरिका पर निशाना
ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि अमेरिका का बाइडन प्रशासन मानवाधिकारों की रक्षा किये जाने के अपने रुख से पलट रहा है, अमेरिका का ये रुख फिलिस्तिनियों के मानवाधिकारों के प्रति उदासीनता को दिखाता है, biden netanyahu अमेरिका हमेशा मानवाधिकार का झंडा लहराता रहा है, अमेरिका चीन पर गलत सूचना तथा मनगढंत तथ्यों के आधार पर शिनजियांग प्रांत में मुसलमानों के खिलाफ नरसंहार करने का दुर्भाग्यपूर्ण आरोप लगाता रहा है, लेकिन अब जब फिलिस्तिनियों के मानवाधिकारों को कुचला जा रहा है, तो अमेरिका ने आंखें मूंद ली है, अमेरिका इस बार अपने दोहरे मापदंड और पाखंड को शायद ही सही ठहरा सकता है। अमेरिका स्वार्थी देश है, जब उसे अंतराष्ट्रीय नैतिकता और राजनीतिक स्वार्थ के बीच चयन करना होता है, तो वो सिर्फ बाद वाले को चुनता है।

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